क्रेडिट कार्ड रिकवरी एजेंटों की प्रताणना से परेशान शख्स ने कर ली खुदकुशी, व्हाट्सएप पर भेजा सुसाईट नोट

Troubled by harassment of credit card recovery agents, man commits suicide
क्रेडिट कार्ड रिकवरी एजेंटों की प्रताणना से परेशान शख्स ने कर ली खुदकुशी, व्हाट्सएप पर भेजा सुसाईट नोट
क्रेडिट कार्ड रिकवरी एजेंटों की प्रताणना से परेशान शख्स ने कर ली खुदकुशी, व्हाट्सएप पर भेजा सुसाईट नोट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। क्रेडिट कार्ड रिकवरी एजेंटों की बदसलूकी और गालीगलौज से परेशान एक 40 वर्षीय इस्टेट एजेंट ने आत्महत्या कर ली। घटना पश्चिमी उपनगर के दहिसर इलाके की है। आत्महत्या करने वाले अमोल वैती ने अपने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों को ह्वाट्सएप सुसाइड नोट भेजा जिसमें उन्होंने लिखा है कि उन पर कई बैंकों के क्रेडिट कार्ड का बिल बकाया था जिसके लिए रिकवरी एजेंट लगातार उन्हें परेशान कर रहे थे। परिवार के सामने भी उन्हें अपमानित किया जा रहा था इसीलिए वे आत्महत्या कर रहे हैं। गुरूवार सुबह पौने आठ बजे वैती की पत्नी घर की निचली मंजिल पर पहुंचीं तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने वैती को छत की हुक से दुपट्टे के सहारे लटके पाया। शोर मचाने के बाद लोग इकठ्ठा हुए और वैती को डॉ बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल ले गए लेकिन दाखिल करने से पहले ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। करीबियों को ह्वाट्सएप पर भेजे गए सुसाइड नोट में वैती ने लिखा है कि उन्होंने कई बैंकों के क्रेडिट कार्ड लिए थे और अब मंदी के चलते उनके बिलों का भुगतान नहीं कर पा रहा। उन्होंने लिखा कि बैंकों के रिकवरी एजेंट घर पर आकर उन्हें परिवार और पड़ोसियों के सामने अपमानित करते थे। वैती ने एचडीएफसी बैंक के रिकवरी एजेंट निखिल विश्वकर्मा का नाम अपने सुसाइड नोट में लिखा है। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा मुझसे गालीगलौज करता था और धमकी देता था। मैंने उससे कई बार कहा कि मेरे परिवार और बच्चों के सामने अपशब्दों का इस्तेमाल न करे लेकिन वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। स्थिति बर्दास्त से बाहर होने के चलते मैं आत्महत्या जैसा कदम उठा रहा हूं। वैती ने सरकार से रिकवरी एजेंटों और बैंकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। डीसीपी प्रणय अशोक ने बताया कि मामले में एमएचबी पुलिस ने एडीआर दर्ज कर छानबीन की जा रही है। 
 

सराफा व्यवसायी को नकली सोने की बिस्कुट बेचने वाला गिरफ्तार

एक मामले में कम कीमत पर सोने के बिस्किट देने का लालच देकर ठगी की कोशिश कर रहे एक आरोपी को सतर्क सराफा व्यवसायी ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। दरअसल आरोपी पर सराफा व्यवसायी को उस वक्त शक हुआ जब उसने पैसे की कमी के चलते सोना खरीदने से इनकार करने पर आरोपी बेहद कम कीमत में सौदा करने को तैयार हो गया। इसके बाद व्यवसायी ने पुलिस के मामले की जानकारी दे दी। पुलिस ने जाल बिछाकर सौदा करने पहुंचे आरोपी को दबोच लिया। गिरफ्तार आरोपी का नाम दीपक शिंदे (33) है। शिंदे चेंबूर के आनंदनगर इलाके में स्थित घाटला गांव का रहने वाला है। शिकायत करने वाले सराफा व्यवसायी कुछ दिनों पहले सोना खरीदने के लिए मुंबई के झवेरी बाजार गए हुए थे। इसी दौरान शिंदे अपने एक साथी के साथ उनके पास पहुंचा। उसने व्यवसायी से कहा कि वह बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर उन्हें सोना दे सकता है। बातचीत के बाद शिंदे ने व्यवसायी से कहा कि वह 30 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम की दर से उन्हें दो किलो सोना दे सकता है जबकि सोने की मौजूदा कीमत करीब 40 हजार रुपए प्रति दस ग्राम है। व्यवसायी का भरोसा जीतने के लिए शिंदे ने उन्हें 50 ग्राम सोने के बिस्किट का नमूना दिखाया और कहा कि वे इसकी जांच कर सकते हैं। आरोपी ने जो सोने का बिस्किट दिया वह असली था। लेकिन व्यवसायी ने शिंदे से कहा कि फिलहाल उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि दो किलो सोना खरीद सकें। आरोपी ने फिर फोन के जरिए व्यवसायी से संपर्क किया और कहा कि उसे पैसों की सख्त जरूरत है और वह सिर्फ 20 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम की दर से सोना बेचने को तैयार है। लेकिन इस पर व्यवसायी को शक हो गया। उन्हें लगा कि या तो सोना चोरी किया गया है या नकली है। उन्होंने अपराध शाखा युनिट 12 में तैनात पुलिस उपनिरीक्षक हरीश पोल को मामले की जानकारी दी। इसके बाद दहिसर इलाके में जाल बिछाया गया और आरोपी को दबोच लिया गया। आरोपी के पास मौजूद सोने के बिस्किट की छानबीन की गई तो वे नकली निकले। पूछताछ में शिंदे ने स्वीकार किया है कि वह मुंबई, नई मुंबई और ठाणे में कई सराफा व्यवसायियों को इसी तरह ठगी की है। आरोपी इसी तरह ठगी के मामलों में पहले भी आठ बार गिरफ्तार हो चुका है। 
 

 

Created On :   7 Nov 2019 5:20 PM GMT

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