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कॉक्लीयर इंप्लांट सर्जरी से अब बोलने लगेंगी दो मूक-बधिर बच्चियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) के नाक, कान व गला (ईएनटी) विभाग में रविवार को पहली बार एक साथ दो कॉक्लीयर इंप्लांट सर्जरी की गई। इससे जन्मजात मूक-बधिर बच्चों को सुनने के साथ ही बोलने की शक्ति भी वापस मिल जाती है। मेडिकल में हुए दो ऑपरेशन में दाेनों ही बालिकाएं 3-3 साल की हैं। विशेष बात यह है कि यह ऑपरेशन भारत सरकार के सामाजिक न्याय व सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत असिस्टेंट ऑफ डिसेबल्ड पर्सन्स पर्सचेज (एडीआईपी) द्वारा कॉक्लीयर इंप्लांट नि:शुल्क दिया जाता है। जन्म से बधिर बच्चे मूक भी होते हैं, क्योंकि उन्होंने कोई आवाज (साउंड) सुना नहीं होता है। इस वजह से वह आवाज की प्रतिक्रिया नहीं दे पाते हैं। ऐसे ही दो बच्चों को मेडिकल में रविवार को सुबह ऑपरेशन कर कॉक्लीयर इंप्लांट लगाया गया।
जन्मजात था बहरापन
सुबह 8:30 बजे डोंगरगांव जिला भंडारा निवासी आरोषी चाचीरे (3) का ऑपरेशन आरंभ हुआ इसके बाद कामठी निवासी करीब 9 बजे मेहरप्रीत सैनी (3) का ऑपरेशन प्रारंभ हुआ जो करीब दो घंटे तक चले। बालिका के पिता जीतेन्द्र चाचीरे ने बताया कि डेढ़ साल की उम्र में सुनने की समस्या को देखकर डॉक्टरों को दिखाया था जिसके बाद बेरा जांच में सुनाई ना पड़ने की जानकारी सामने आई। वहीं बालिका मेहरप्रीत की मां सरिता सैनी ने बताया कि 6 माह के दौरान जब बच्ची नहीं सुनती थी तो डॉक्टर को दिखाया और बेरा जांच में सामने आया कि बच्ची को सुनाई नहीं पड़ता है।
दो घंटे चला आपरेशन
ऑपरेशन करने वालों में कॉक्लीयर इंप्लांट सर्जन डॉ.मिलिंद कीर्तने के नेतृत्व किया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से मेडिकल के विभाग प्रमुख डॉ.अशोक नितनवरे, डॉ.सीमा पटेल, डॉ.कांचन तडके, एनेस्थेटिक डॉ.एस.बख्क्षी व डॉ.अंजली सावरगांवकर उपस्थित थीं। मेडिकल कॉलेज को अप्रैल 2017 में कॉक्लीयर इंप्लांट के लिए मान्यता मिल गई थी। विशेष बात यह है कि मेडिकल एडीआईपी में पंजीकृत है जिससे करीब 5 से 7 लाख रुपए का कॉक्लीयर इंप्लांट नि:शुल्क मिलता है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों की जरुरत पड़ती है। मेडिकल में इसके लिए ऑडियो वॉवेल थैरेपिस्ट व ऑडियोलॉजिस्ट के 1-1 पद की नियुक्ति की गई।
Created On :   6 Aug 2018 1:48 PM IST