सरकारी योजना का लाभ दिलाने मांगी घूस, एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ा

Two Health department volunteers arrested for accepting bribe
सरकारी योजना का लाभ दिलाने मांगी घूस, एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ा
सरकारी योजना का लाभ दिलाने मांगी घूस, एसीबी ने रंगेहाथ पकड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगने वाले दो दलालों को भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग (एसीबी) ने मंगलवार को मेयो और मेडिट्रीना अस्पताल से  पकड़ा। इसमें एक मेयो अस्पताल का डाटा एंट्री ऑपरेटर है तो दूसरा निजी अस्पताल का आरोग्य मित्र। आरोप है कि उन्होंने एक सरकारी अधिकारी को सरकारी स्वास्थ्य योजना की गलत जानकारी दी और योजना का लाभ दिलाने के बदले में रिश्वत भी मांगी। बर्डी थाने में दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। 
3 लाख का बताया गया था खर्च
आरोपी आरोग्य मित्र शीतल मधुकर गायकवाड (31) तथा मेयो अस्पताल का डाटा एंट्री ऑपरेटर अहमद रजा कमाल पाशा सैय्यद (23) है। शिकायतकर्ता गड़चिरोली जिले के मुलचेरा में लेखा परीक्षक है। शिकायतकर्ता की मां को हार्टअटैक का झटका आया था। उसने मां को रामदासपेठ  निजी अस्पताल मेडिट्रीना में भर्ती कराया। अस्पताल प्रबंधन ने शिकायतकर्ता को बताया था कि बायपास सर्जरी करनी पड़ेगी और करीब 3 लाख रुपए का खर्च आएगा। इसी दौरान, मेडिट्रीना अस्पताल में कार्यरत आरोग्य मित्र शीतल ने शिकायतकर्ता को बताया था कि महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के तहत उन्हें डेढ़ लाख रुपए सर्जरी के लिए मिल सकते हैं, लेकिन यह योजना मेडिट्रीना में नहीं, बल्कि श्योरटेक अस्पताल में है। बता दें कि इस याेजना के तहत सुविधा मेडिट्रीना में भी है। 

मिलीभगत से चल रहा था काम
आरोग्य मित्र शीतल के झांसे में आकर शिकायतकर्ता ने मेडिट्रीना से छुट्टी ले ली और मां को श्योरटेक अस्पताल में भर्ती कराया। यहां पर आरोग्य मित्र के रूप में शीतल ने  अहमद से भेंट कराई, जबकि अहमद आरोग्य मित्र नहीं मेयो में डाटा एंट्री ऑपरेटर है। 4 दिसंबर को ही अहमद की अस्थाई तौर पर मेयो में नियुक्ति हुई थी। लिहाजा अहमद ने भी महात्मा फुले जन योजना के बारे में शिकायतकर्ता को जानकारी दी और डेढ़ लाख रुपए का बिल मंजूर करवाने का वादा किया। बदले में 20 हजार रुपए के रिश्वत की मांग की। रिश्वत शीतल के कहने पर ही मांगी जा रही थी, लेकिन शीतल ने अहमद को सामने किया था।  

इस प्रकार तय हुआ मामला
रिश्वत की रकम में से दस हजार रुपए सर्जरी के पहले और दस हजार रुपए सर्जरी के बाद देना तय हुआ। रिश्वत के लिए बार-बार परेशान करने से शिकायतकर्ता ने एसीबी को सूचना दे दी। मंगलवार को मेयो अस्पताल में अहमद को पंद्रह  हजार रुपए की रिश्वत स्वीकार करते हुए रंगे हाथ दबोच लिया गया।   
15 हजार की मांगी रिश्वत
रिश्वत की रकम के अलावा अहमद ने योजना के तहत बिल मंजूर करवाने से और 15 हजार रुपए की मांग की थी। इसके लिए उसे धमकाया भी जा रहा था। रिश्वत की योजना के पीछे शीतल का ही दिमाग था, अहमद सिर्फ उसके इशारों पर काम कर रहा था।

पकड़ाते ही दहाड़ मारकर रोने लगा  
एसीबी के हाथ लगते ही अहमद दहाड़ मारकर रोने लगा। दरअसल, अहमद करीब चार-पांच दिन पहले ही मेयो अस्पताल में नियुक्त हुआ था। अहमद का कहना है कि वह रिश्वत नहीं लेना चाहता था, लेकिन शीतल ने उस पर दबाव बनाया था। अधीक्षक पी.आर.पाटील के मार्गदर्शन में उपाधीक्षक शंकर शेलके, प्रवीण पडोले, रविकांत डहाट, वसीम सैय्यद और प्रभाकर बेले ने की है।
 

Created On :   27 Dec 2017 11:49 AM IST

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