भ्रष्टाचार: सरकारी योजना में दो अधिकारियों ने किया 2.83 करोड़ रुपए का घपला

भ्रष्टाचार: सरकारी योजना में दो अधिकारियों ने किया 2.83 करोड़ रुपए का घपला
भ्रष्टाचार: सरकारी योजना में दो अधिकारियों ने किया 2.83 करोड़ रुपए का घपला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सरकारी योजनाओं में पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने वाले दो अधिकारियों के खिलाफ सीताबर्डी थाने में मामला दर्ज किया गया है। एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प योजना अंतर्गत दोनों प्रकल्प अधिकारियों ने प्रशासन से करीब 2 करोड़ 83 लाख 3 हजार 741 रुपए की धोखाधड़ी की है। आरोपियों में प्रकल्प अधिकारी केशव ई. बावनकर और दामोदर टी. वासनिक शामिल हैं। वासनिक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प अधिकारी नितीन वसंतराव इसोकर ने सीताबर्डी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

इन योजनाओं में घपलेबाजी
पीवीसी पाइप वितरण योजना, कुआं वितरण योजना, गाय-बकरी वितरण योजना, MSCIT प्रशिक्षण योजना, सिलाई मशीन और साइकिल वितरण योजना, कीटनाशक आपूर्ति योजना, स्प्रे पंप वितरण और विद्यार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण योजनाओं में भ्रष्टाचार किया है।  

केशव बावनकर पर 2 करोड़ 79 लाख रुपए के घपले का आरोप
पुलिस के अनुसार 52 वर्षीय केशव बावनकर 14 जून 2005 से 15 जून 2009 के बीच सीताबर्डी थानांतर्गत एकात्मिक आदिवसी विकास प्रकल्प विभाग, नागपुर में प्रकल्प अधिकारी के पद पर रहते हुए पद का दुरुपयोग किया। उन्होंने विभाग के मार्फत शुरू की गई योजनाओं में खुद के फायदे के लिए गैर कानूनी तरीके से शासकीय निधि का गबन करते हुए शासन को 2 करोड़ 79 लाख 17 हजार 341 रुपए की धोखाधड़ी की है।

आरोपी अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद बावनकर की जगह पर पदस्थ हुए एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प अधिकारी नितीन वसंतराव इसोकर गिरिजा नगर, यवतमाल निवासी को बावनकर की करतूतों के बारे में पता चलने पर उन्होंने सीताबर्डी थाने में शिकायत की। पुलिस ने केशव बावनकर के खिलाफ धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया है। 

दामोदर वासनिक पर 3 लाख 86 हजार का आरोप
दूसरी घटना अंतर्गत सीताबर्डी पुलिस ने आरोपी दामोदर वासनिक (65) के खिलाफ धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला भी नितीन इसोकर की शिकायत पर ही दर्ज किया गया है। नितीन ने पुलिस को बताया कि दामोदर 1 अप्रैल 2004 से 21 मार्च 2005 के दरमियान सीताबर्डी थानांतर्गत एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प, नागपुर में प्रकल्प अधिकारी थे। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर शासन की ओर से शुरू की गई उपरोक्त योजनाओं में लाभार्थियों को योजना का लाभ पहुंचाने के बजाय उसका खुद लाभ लेकर शासन को करीब 3 लाख 86 हजार 400 रुपए का चूना लगाया। जब शासन ने इन दोनों अधिकारियों को  नागपुर में प्रकल्प अधिकारी की जिम्मेदारी दी थी, तब उन्होंने यह धोखाधड़ी की है।  

Created On :   16 July 2018 10:27 AM IST

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