नाबालिगों से जुड़े मामलों में दो को सजा

Two sentenced in cases related to minors
नाबालिगों से जुड़े मामलों में दो को सजा
फैसले नाबालिगों से जुड़े मामलों में दो को सजा

डिजिटल डेस्क, वर्धा। नागालिग का लगातार पीछा कर उस का विनयभंग करने वाले आरोपी कारला रोड के सावजी नगर झोपड़पट्टी परिसर निवासी अजय बाबाराव पिंपले को वर्धा के अति विशेष जिला न्यायाधीश-१ वी.टी सूर्यवंशी ने धारा 354(4) के तहत एक माह के सश्रम कारावास व 500 रुपए दंड व दंड नहीं भरने पर अतिरिक्त 15 दिनों के सश्रम कारावास की सजा, धारा 448 के तहत 1 माह के सश्रम कारावास व 500 रुपए दंड व दंड नहीं भरने पर अतिरिक्त 15 दिनों का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी अजय बाबाराव पिंपले यह पीड़िता के पड़ोस में रहता है। आरोपी हमेशा पीड़ता का पीछा कर उसे घूरता रहता था।  इस घटना की शिकायत पीड़िता सहित उस के माता-पिता ने सावंगी पुलिस थााना में दर्ज की। पुलिस ने मामला दर्ज कर इस प्रकरण की जांच सवंगी पुलिस थाना के पुलिस उपनिरीक्षक किशोर साखने ने की व आरोपी ने अपराध करने का सबूत उपलब्ध होने से पुलिस ने अपराध क्रमांक 1414/2017 के अनुसार दोषारोप न्यायालय में दाखिल किया।  इस प्रकरण में अति विशेष जिला न्यायाधीश वी.टी. सूर्यवंशी ने आरोपी को 30 अक्टूबर को उपरोक्त सजा सुनाई है।

अन्य एक मामले में नाबालिग को प्रताड़ित करने व उस के पिता की कॉलर पकड़कर जान से मारने की धमकी देने वाले आर्वी तहसील के धानोडी गांव निवासी नीरज प्रल्हादराव देशमुख को जिला न्यायाधीश-2 तथा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर.वी. आदोने ने  धारा 12 बाल यौन अत्याचार प्रतिबंधक कानून के अनुसार 6 माह के सश्रम कारावास व 2 हजार रुपए दंड व दंड नहीं भरने पर अतिरिक्त 1 माह के साधे कारावास की सजा तथा धारा 509 के तहत आरोपी को 6 माह के साधे कारावास व 500 रुपए दंड व दंड नहीं भरने पर अतिरिक्त 15 दिनों का साधा कारावास तथा धारा 506 के तहत 6 माह का सश्रम कारावास व 500 रुपए दंड व दंड नहीं भरने पर अतिरिक्त 15 दिनों के कारावास की सजा सुनाई है।  आरोपी नीरज प्रल्हादराव देशमुख यह फिर्यादी के साथ बार-बार बातचित करने का प्रयास करता था। साथ ही वह हमेशा पीड़िता के शाला व अन्य स्थान पर जाते समय पीछा करता था।  आरोपी पीड़िता के आसपास के लोगों के पास से उस का मोबाइल क्रमांक लेने का प्रयास करता था। परंतु फिर्यादी ने आरोपी बार-बार इनकार कर दिया। 16 फरवरी 2019 को दोपहर 4 बजे के दौरान आरोपी पीड़िता के घर आया और उस के पिता को तुम्हारी पुत्री मुझे बार-बार फोन करती है, एेसा बताया। इस पर पीड़िता ने उसे फटकारने पर आरोपी ने पीड़िता के साथ गालीगलौज कर उस के पिता की कॉलर पकड़कर उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इस घटना की मौखिक शिकायत पर से आर्वी पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। 

इस प्रकरण की जांच पुलिस उपनिरीक्षक कविता फुसे ने पूर्ण की। व आरोपी ने यह अपराध करने का सबूत उपलब्ध होने से पुलिस ने न्यायालय में दोषारोपपत्र दाखिल किया।
इस प्रकरण में सरकार की आरे से सरकारी वकील गिरीष वी. तकवाले ने कामकाज संभाला व सफल युक्तिवाद किया। उन्हें पैरवी अधिकारी सहायक फौजदार अजय खंडारे ने गवाहदारों को न्यायालय में उपस्थित कर सहकार्य किया। शासन की ओर से कुल 7 गवाहों की जांच की गयी। जिला न्यायाधीश-2 तथा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वर्धा आर.वी. आदोने ने आरोपी को 30 अकटूबर को उपरोक्त सजा सुनाई है।
 

Created On :   31 Oct 2021 6:39 PM IST

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