पेंच हाइडल प्रोजेक्ट: पीने को पानी छोड़ रहे, तभी बना पा रहे बिजली- दो इकाइयां बंद

Two units of pench hydro electricity project closed due to water scarcity
पेंच हाइडल प्रोजेक्ट: पीने को पानी छोड़ रहे, तभी बना पा रहे बिजली- दो इकाइयां बंद
पेंच हाइडल प्रोजेक्ट: पीने को पानी छोड़ रहे, तभी बना पा रहे बिजली- दो इकाइयां बंद

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । तोतलाडोह डेम में पानी की कमी का असर मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के पेंच हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट पर भी दिखाई पड़ रहा है। यहां 80-80 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की दो इकाइयां हैं। पानी की कमी के चलते एक इकाई को मेंटेनेंस के बहाने बंद कर दिया गया है। वहीं दूसरी इकाई को भी ठीक से नहीं चला पा रहे हैं। एक-दो दिनों के अंतराल में पानी छोडऩे के दौरान ही इकाई बमुश्किल 3-4 घंटे चल पा रही है। एमपीपीजीएल के अधिकारियों के मुताबिक डेम का जलस्तर घटने से पर्याप्त हेड नहीं मिल पा रहा है। जिससे इकाइयों से बिजली उत्पादन कठिन हो रहा है। 

पीने को पानी दे रहे तभी चल पा रही यूनिट 
बताया जा रहा है कि तोतलाडोह बांध से महाराष्ट्र के नवेगांव खैरी बांध के लिए पानी छोड़ा जाता है। यहां से नागपुर को पेयजल आपूर्ति होती है। तोतलाडोह से दो किमी टनल बनाई गई है। इसी टनल में हाइडल प्रोजेक्ट की यूनिटें स्थापित हैं। जरूरत के मुताबिक पानी ही तोतलाडोह से छोड़ा जा रहा है। ऐसे में एक-दो दिनों के अंतराल से पानी छोड़े जाने के दौरान ही बिजली का उत्पादन हो पा रहा है। 

72 मेगावाट तक हो पा रहा बिजली उत्पादन 
बमुश्किल 3 से 4 घंटे चल पा रही 80 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली एक यूनिट से 72 मेगावाट तक उत्पादन हो पा रहा है। खासबात यह कि यूनिट एक-दो दिनों के अंतराल में वह भी कुछ घंटों के लिए ही चल पा रही है। हालांकि प्रोजेक्ट के अधिकारियों का कहना है कि 6 लाख से 10 लाख यूनिट तक उत्पादन कर पा रहे हैं। 

टारगेट में भी पिछड़ा प्लांट 
प्रदेश में इन दिनों साढ़े सात से 8 हजार मेगावाट बिजली की मांग प्रतिदिन बनी हुई है। थर्मल पावर प्लांट में कोयले की कमी से उत्पादन कम हो रहा है। ऐसे में पेंच हाइडल प्रोजेक्ट भी पानी की कमी से साथ नहीं दे पा रहा है। खासबात यह कि उक्त हाइडल प्रोजेक्ट 5 अरब मिलियन यूनिट के वार्षिक लक्ष्य के विरूद्ध अब तक करीब ढाई लाख मिलियन यूनिट ही बिजली बना पाया है। 

बिजली में दोनों राज्यों का हिस्सा 
मध्यप्रदेश: महाराष्ट्र सीमा में स्थापित एमपीपीजीसीएल के कुल 160 मेगावाट क्षमता के पेंच हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट से मप्र का हिस्सा 107 मेगावाट का है। 
महाराष्ट्र: पेंच हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट से 53 मेगावाट का हिस्सा महाराष्ट्र का है। यानी कुल 160 मेगावाट में से 53 मेगावाट बिजली महाराष्ट्र को देना होता है। 

इनका कहना है 
दो में से एक यूनिट को ओवरहाल के लिए बंद किया गया है। पानी की कमी से हेड नहीं मिल पा रहा है। पीने के लिए पानी छोड़े जाने के दौरान ही बमुश्किल 3-4 घंटे हर दिन बिजली उत्पादन कर पा रहे हैं। 
पीएन गजभिए, एसई, पेंच हाइडल प्रोजेक्ट

 

Created On :   2 May 2018 1:37 PM IST

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