यूएपीए संशोधन विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा  

Uapa amendment bill threatens freedom of expression says journalist anant bagaitkar
यूएपीए संशोधन विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा  
यूएपीए संशोधन विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्यसभा में शुक्रवार को पास हुए विधेयक के बाद सरकार देश के किसी भी नागरिक को आतंकी घोषित कर सकती है।  गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि इसका उपयोग मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकी घोषित करने के लिए किया जाएगा, लेकिन इस विधेयक के तहत एनआईए को ज्यादा अधिकार देकर किसी भी व्यक्ति को आतंकी घोषित करने जैसे अधिकार दे दिए गए हैं। सईद और मसूद के बहाने इसका उपयोग सरकार की आलोचना करने वालों के खिलाफ किए जाने की आशंका है। यह विचार वरिष्ठ पत्रकार अनंत बगाईतकर ने दैनिक भास्कर कार्यालय में संपादकीय सहयोगियों से चर्चा के दौरान व्यक्त किए। बगाईतकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। उन्होंने शुक्रवार को राज्यसभा में पारित हुए यूएपीए (विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण) संशोधन विधेयक, देश की मौजूदा राजनीति, प्रेस क्लब के क्रियाकलाप व योजनाओं सहित कई विषयों पर अपनी बेबाक राय दी।

सितंबर में संयुक्त एक्शन तय करने बैठक

बगाईतकर ने बताया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित किए जाने के प्रयासों के खिलाफ प्रेस क्लब संयुक्त एक्शन तय करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए देश भर के प्रेस क्लब की सितंबर में बैठक बुलाई गई है। प्रेस क्लब फेडरेशन के जरिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित किए जाने की कोशिशों के खिलाफ सरकार को घोषणा-पत्र सौंपकर इसमें सुधार की मांग करने पर विचार किया जा रहा है। उन्हांेने बताया कि पत्रकारों के आर्थिक अधिकारों को समाप्त किए जाने जैसे मामलों पर भी संयुक्त प्रेस क्लब काम करेगा। पत्रकारों से संबंधित अहम मुद्दों अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शोषण, एट्रोसिटी जैसे मामलों को उठाने के लिए प्रेस क्लब मंच के रूप में काम कर रहा है। पिछले दिनों बगैर समन के उत्तर प्रदेश के स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनोजिया की गिरफ्तारी का मामला उठाए जाने के बाद पुलिस को उसे छोड़ना पड़ा। यहां तक कि पीआईबी की ओर से जारी फतवा, कि खबर सही नहीं होने पर पत्रकारों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी, को भी क्लब के विरोध के बाद वापस लेना पड़ा।

पत्रकारों को मिले  सुरक्षा

बगाईतकर ने बताया कि जर्नलिस्ट प्रोजेक्शन एक्ट पर यूनेस्को के सब कमीशन के तहत काम किया जाना है। प्रेस क्लब लगातार इस दिशा में काम कर रहा है कि कम से कम जोखिम वाले इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों के लिए बीमा जैसी सुविधाएं मिलें। हालांकि दो वर्ष में इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए।

पत्रकारों से दोस्ती और दूरी

बगाईतकर ने राजीव गांधी से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के व्यक्तित्व का विश्लेषण पत्रकारों से संबंध के जरिए पेश किया। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी अपने वन लाइनर के लिए जाने जाते थे और उनकी एक पंक्ति ही लाेगों को निरुत्तर कर देती थी। वीपी सिंह जन नेता और पीवी नरसिम्हा राव विद्वान प्रधानमंत्री थे। देवेगौड़ा और गुजराल दोस्त जैसे थे, जबकि नरेंद्र मोदी स्वयं को पत्रकारों और सवालों से दूर रखने वाले प्रधानमंत्री हैं।
 

Created On :   3 Aug 2019 4:43 PM IST

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