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उद्धव ठाकरे ने रंग बदलने में गिरगिट को भी पीछे छोड़ा
डिजिटल डेस्क, नागपुर. गिरगिट समय के अनुसार रंग बदलता है। उद्धव ठाकरे ने रंग बदलने में गिरगिट को भी पीछे छोड़ दिया। संघ के विचार, इंसान में ऊर्जा भरने की शक्ति, संघ की प्रेरणा, इंसान को इंसानियत में ढालने की पद्धति पर अनेक भाष्य किए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संघ स्थान जाने पर राजनीतिक वक्तव्य देने से लगता है, ठाकरे का स्मृतिभ्रंश हो गया है। रेशमबाग स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्मृति स्थल का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दर्शन करने पर उद्धव ठाकरे के वक्तव्य पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने टिप्पणी की। विधान भवन परिसर में उन्होंने पत्रकारों से वार्तालाप किया। बावनकुले ने कहा कि रेशमबाग स्थित स्मृति स्थल का दर्शन करने पर हमारे अंदर समाजसेवा की ऊर्जा निर्माण होती है। उस स्थल का राजनीतिक इस्तेमाल करना उचित नहीं है।
जनता को भ्रमित करने का प्रयास
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर बावनकुले ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश की मांग कर ठाकरे जनता को भ्रमित कर रहे हैं। दरअसल ठाकरे द्वारा भड़काऊ बयान देने पर कर्नाटक से प्रत्युत्तर आता है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री राज्य की अखंडता के लिए सरकार और न्यायालय स्तर पर पूरा प्रयास कर रहे हैं। महाराष्ट्र की एक इंच जमीन कर्नाटक में नहीं जाने दी जाएगी।
ढाई साल में कोई प्रयास नहीं हुए
महाविकास आघाड़ी के सत्ताकाल में कर्नाटक सीमा विवाद सुलझाने के लिए कोई प्रयास नहीं हुए। शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आने पर इस विवाद को हमेशा के लिए मिटाने का प्रयास हो रहा है। विपक्ष को इसके लिए सरकार का अभिनंदन करना चाहिए।
दो दिन से राजनीतिक युद्ध
अजित पवार और चंद्रशेखर बावनकुले के बीच दो दिन से राजनीतिक युद्ध छिड़ा हुआ है। अजित पवार ने बावनकुले का करेक्ट कार्यक्रम होने का वक्तव्य किया था। बावनकुले ने प्रत्युत्तर में बयान दिया कि बारामती का एक दौरा करने पर पवार की धड़कनें बढ़ गई हैं। उन्होंने ‘मेरा करेक्ट कार्यक्रम’ करने का भाष्य किया। दरअसल बारामती में पवार परिवार के प्रति नागरिकों में रोष है। आने वाले चुनाव में वहां की जनता उन्हीं का करेक्ट कार्यक्रम करेगी। बावनकुले के बयान पर पवार ने चुटकी ली। उन्होंने कहा कि यह सुनने पर मेरी नींद उड़ गई है। लगता है मुझे राजनीति से संन्यास लेना पड़ेगा। बावनकुले ने जवाब में कहा अजित पवार का अपना कोई अस्तित्व नहीं है। शरद पवार के नाम पर राजनीति चल रही है। उनके राजनीति से संन्यास लेने के दिन जल्द ही आएंगे। साल 2024 के चुनाव में जनता उनका करेक्ट कार्यक्रम करेगी। इसमें कोई संदेह नहीं है।
Created On :   30 Dec 2022 7:18 PM IST