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'डिजिटल यूनिट' योजना के तहत 250 सरकारी स्कूल होंगे हाईटेक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कान्वेंट कल्चर के चलते सरकारी स्कूलों की बिगड़ती स्थिति को सुधारने व सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। इस दिशा में जिला शिक्षा विभाग ने एक अहम प्रजोक्ट शुरू किए हैं। जिले के 250 सरकारी स्कूलों को आधुनिक उपकरणों से लैस कर उन्हें हाईटेक बनाया जाएगा। योजना में शामिल प्रत्येक स्कूल को "डिजिटल यूनिट' का नाम दिया गया है। इस योजना पर 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। याेजना के तहत स्कूलों में डिजिटल लर्निंग, सोलर पैनल, बायोमीट्रिक मशीनें जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यही नहीं सरकार ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिलाने की कोशिशें भी शुरू कर दी हैं।
टेक्नोसेवी शिक्षकों की होगी टीम : बता दें कि प्रगत शैक्षणिक महाराष्ट्र अभियान के तहत राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। स्कूलों का दर्जा बढ़ाने के लिए सरकार मुख्य रूप से डिजिटल लर्निंग पर जोर दे रही है। डिजिटल लर्निंग के लिए जरूरी उपकरण मुहैया करा कर शिक्षा का दर्जा सुधारने का उद्देश्य रखा गया है। इसके पूर्व भी जिला शिक्षा विभाग ने स्कूलों को टीवी डिजिटल करने, टेक्नोसेवी शिक्षकों की टीम तैयार करने जैसी योजनाएं अमल में लाई हैं। अब 250 स्कूलों में नया प्रयोग किया जा रहा है।
बिजली बचाने का लक्ष्य : शिक्षा विभाग सौर्य ऊर्जा की मदद से स्कूलों को रोशन करना चाहता है। इसके लिए 250 स्कूलों में सोलर पैनल लगाने की तैयारी कर रहा है। दरअसल जिला परिषद के स्कूलों में बिजली का बिल नहीं भरने से बिजली आपूर्ति भंग किया जाना मुख्य परेशानी है। इससे शिक्षा विभाग की न केवल किरकिरी होती है, बल्कि विद्यार्थियों की पढ़ाई भी प्रभावित है। ऐसे में बिजली का बिल नहीं के बराबर आए, इसलिए शिक्षा विभाग इन स्कूलों मंे सोलर पैनल लगाने का निर्णय लिया है।
बायोमीट्रिक से लगेगी हाजरी : स्कूलों में शिक्षा विभाग बायोमीट्रिक मशीनें भी लगाएगा। शिक्षकों और विद्यार्थियों की हाजरी अब बायोमीट्रिक पद्धति से लगेगी। ऐसे में स्कूलों में कितने विद्यार्थी प्रतिदिन पहुंच रहे हैं, इसकी वास्तविक जानकारी मिल सकेगी। इसी तरह स्कूलों में शिक्षक नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं या नहीं इस पर भी शिक्षा विभाग की नजर रहेगी। विभाग हर माह स्कूल की बायोमीट्रिक हाजरी की रिपोर्ट लेता रहेगा। इस हाईटेक अटेंडेंस सिस्टम की मदद से स्कूल पर नियंत्रण रखने की मंशा शिक्षा विभाग की है।
डिजिटल लर्निंग पर जोर : इस योजना के तहत स्कूलों में डिजिटल लर्निंग शुरू करने की तैयारी है। स्कूलों में टीवी स्क्रीन, प्रोजेक्टर, स्मार्ट ब्लैकबोर्ड जैसे डिजिटल लर्निंग के आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है। इसके तहत स्कूल के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। गुणवत्ता में होगा सुधार
इस संदर्भ मेें जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी दीपक लोखंडे का कहना है कि शिक्षा विभाग ने नागपुर जिले की 250 स्कूलों को डिजिटल यूनिट बनाने की तैयारी की है। इसके तहत स्कूलों में डिजिटल लर्निंग, बायोमीट्रिक मशीनें और सोलर पैनल जैसे हाईटेक उपकरण लगाए जाएंगे। इस मुहिम से विद्यार्थियों को तो फायदा मिलेगा ही, साथ ही स्कूलों का दर्जा बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

Created On :   8 Jan 2018 11:24 AM IST