ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लिए यूनेस्को एमजीआईइपी का सहभागी बना कीट-कीस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) और कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस), भुवनेश्वर ने अपने छात्रों तथा संकाय सदस्यों को सामाजिक और भावात्मक अधिगम ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए यूनेस्को महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फॉर पीस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट (एमजीआईइपी) के साथ समझौता किया है। इसका लाभ चरणबद्ध तरीके से कीट-कीस के समस्त विद्यार्थियों तथा संकाय सदस्यों को स्व-निर्देशित भावात्मक अधिगम सहानुभूति और दया (सीक) के प्रोत्साहन में प्राप्त होगा। राजधानी में आयोजित समारोह में इस समझौते पर यूनेस्को एमजीआईइपी के निदेशक डॉ अनंत दुरैयाप्पा और कीट-कीस के संस्थापक व लोकसभा सदस्य डॉ अच्युत सामंत ने हस्ताक्षर किए। डॉ सामंत ने इसे ऐतिहासिक समझौता बताते हुए कहा कि कीट-कीस की स्थापना का मूल आधार ही मानवीयता, दया और सहानुभूति है। समझौते के लिए यूनेस्को एमजीआईइपी का आभार जताते हुए उन्होने कहा कि इससे कीट-कीस के संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों को सामाजिक और भावात्मक अधिगम के ऑनलाइन पाठ्यक्रम का भरपूर लाभ मिलेगा। यह पाठ्यक्रम यूनेस्को एमजीआईइपी तथा लाईफ विश्वविद्यालय, यूएसए की कंपैसनेट इन्टीग्रिटी ट्रेनिंग पर आधारित है। यह पाठ्यक्रम 21वीं सदी के इमोशनल इंटेलीजेंस कौशला को विकसित करने में तथा भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा। लगभग 40 घंटे के इस पाठ्यक्रम में तीन चरण होंगे।
Created On :   28 Oct 2021 9:55 PM IST