पुलिस लाइन के जर्जर आवासों में गंदगी के बीच गुजर बसर करने मजबूर वर्दीधारी

Uniformed forced to live amongst the filth in the dilapidated houses of the police line
पुलिस लाइन के जर्जर आवासों में गंदगी के बीच गुजर बसर करने मजबूर वर्दीधारी
पगडंडी से बदतर सड़क, छतों से टपकता पानी पुलिस लाइन के जर्जर आवासों में गंदगी के बीच गुजर बसर करने मजबूर वर्दीधारी

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जिनके ऊपर समाज की सुरक्षा का दारोमदार है वे ही असुरक्षा के जीवन यापन करने को मजबूर हैं। हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय के पुलिस लाइन कालोनी की, जहां की सड़कें गांव की पगडंडी से भी बदतर हैं। वर्षों पुराने भवन जर्जर हो चुके हैं। बरसात में छतों से पानी टपकता है। नालियां जाम हैं। गाजर घास का आलम है। पुलिस लाइन कालोनी की हालत में सुधार की दिशा में विभाग प्रयास तो करता है लेकिन पता चला है कि बजट उस हिसाब से नहीं आता, जिससे पूरा काम कराया जा सके।

पिछले साल हुई था कार्य

पुलिस कालोनी में 197 आवास बने हुए हैं। इनमें कुछ साल पहले डबल स्टोरी के तीन ब्लाक बने हैं। पुराने आवासों की जर्जर स्थिति को दुरुस्त करने पिछले साल काम कराया गया था। कई बजट के हिसाब से कुछ जर्जर आवासों की मरम्मत कराई गई थी। गाजर घास व झाडिय़ों की सफाई हुई थी। लेकिन इस वर्ष फिर वही स्थिति बन चुकी है। यही हाल कोतवाली पुलिस आवास का है।

कालोनी में इस प्रकार की हैं समस्याएं

> पुलिस लाइन की पांचों गलियां कच्ची हैं। बरसात में कीचड़ हो जाता है। जर्जर हो चुकी है।
> 23 मई 2022 को नगरपालिका द्वारा कालोनी में नई सड़क का भूमि पूजन कराया गया था, लेकिन कार्य आज तक शुरु नहीं हुआ।
> रहवासी कर्मियों से प्रत्येक महीने 3-4 सौ रुपए कटौती की जाती है ताकि मेंटिनेंस सफाई हो सके, लेकिन ठीक से कार्य नहीं होता।
> गर्मियों के दिनों में पानी की समस्या हो जाती है। यहां नगरपालिका की सप्लाई नहीं है।

भेजा है बजट का प्रस्ताव

जर्जर आवासों की हालत समय-समय पर सुधारी जाती है। गत वर्ष के बजट पर कार्य हुआ है, इस बार अधिक बजट की मांग की गई है।
कुमार प्रतीक (पुलिस अधीक्षक शहडोल)
 

Created On :   5 Aug 2022 2:51 PM IST

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