अनूठे व्यावसायिक विचारों वाले छात्रों के मार्गदर्शन और सहायता के लिए विश्वविद्यालयों को उद्योगों के साथ करीबी संबंध स्थापित करने की जरूरत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति सचिवालय अनूठे व्यावसायिक विचारों वाले छात्रों के मार्गदर्शन और सहायता के लिए विश्वविद्यालयों को उद्योगों के साथ करीबी संबंध स्थापित करने की जरूरत - उपराष्ट्रपति विश्वविद्यालय परिसरों में उद्यमिता की परिस्थितियों को प्रोत्साहित करने और वित्तीय सहायता की कॉरपोरेट जगत से अपील युवाओं की मानसिकता रोजगार मांगने वाले की बजाय रोजगार सृजित करने वाली होनी चाहिए – उपराष्ट्रपति महिलाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए उपराष्ट्रपति ने विशेष अभियान की इच्छा व्यक्त की उद्यमशीलता केवल लाभ से संबंधित नहीं है, यह लोगों का जीवन बेहतर बनाने से भी जुड़ी है - उपराष्ट्रपति स्थापित उद्यमियों और वाणिज्य संगठनों से अगली पीढ़ी को अपने अनुभवों से मार्गदर्शन देने का आह्वान किया भारत-अमेरिका (आईएनडीयूएस) उद्यमी (टीआईई) वैश्विक सम्मेलन का वर्चुअल उद्घाटन किया सम्मेलन में भारत में निवेश के बड़े अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा है कि छात्रों में नवोन्मेषी कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमिता को प्रोत्साहित करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है और विश्वविद्यालयों को अनूठे व्यावसायिक विचारों वाले छात्रों के प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के लिए उद्योगों के साथ करीबी संबंध स्थापित करने की जरूरत है। भारत-अमेरिका (आईएनडीयूएस) उद्यमी (टीआईई) वैश्विक सम्मेलन को आज विशाखापट्टनम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने विश्वविद्यालयों से युवाओं में उद्यमिता की प्रतिभा को पोषित करने और उसके दोहन के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर (उद्भवन केन्द्र) स्थापित करने को कहा। उन्होंने कॉरपोरेट जगत से भी विश्वविदयालय परिसरों में उद्यमशीलता की परिस्थितियों को बढ़ावा देने और उसके लिए वित्तीय सहायता देने की अपील की। भारत-अमेरिका (आईएनडीयूएस) उद्यमी (टीआईई), अमेरिका में सिलिकॉन वैली स्थित अलाभकारी संगठन है जो नेटवर्किंग के माध्यम से स्टार्ट-अप को सहायता करता है और उसके सम्मेलन-2020 में भारत में बड़े निवेश को लाने के अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा। भारत में 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की होने का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने कहा कि प्रतिभाशाली युवाओं की ऊर्जा का पूरा दोहन किया जाना चाहिए और उनकी सोच को रोजगार मांगने वाले से बदलकर रोजगार का सृजन करने वाली में बदलना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने महिलाओं में उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि देश में महिला उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने की प्रचुर संभावनाएं हैं। उन्होंने प्रसन्नता जताई है कि टीआईई ने 50,000 महत्वाकांक्षी महिलाओं को मार्गदर्शन देकर प्रेरित किया है। भारत को विश्व का तीसरे सबसे बड़े स्टार्ट-अप अनुकूल माहौल वाला देश बताते हुए श्री नायडू ने नेस्कॉम का हवाला देते हुए जानकारी दी कि 50 प्रतिशत टेक स्टार्ट-अप को कोविड-19 के पूर्व के स्तर के राजस्व तक पहुंचने का भरोसा है। उन्होंने कहा, यह बहुत आशान्वित करने वाली खबर है और मुझे विश्वास है कि निकट भविष्य सभी भारतीय स्टार्ट-अप के लिए उज्जवल होने वाला है। विभिन्न अध्ययनों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे ज्यादा उद्यमशील देश सबसे ज्यादा समृद्ध देश भी हैं और उद्यमिता लोगों को ज्यादा खुशहाल और अधिक संतुष्ट बनाती है। श्री नायडू ने जोर देकर कहा कि उद्यमशीलता केवल लाभ से संबंधित नहीं है बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी मानवाधिकारों के माध्यम से लोगों का जीवन बेहतर बनाने से भी जुड़ी है। इसमें प्रतिस्पर्धा और सहानुभूति, दोनों का महत्व है। कोविड-19 महामारी से सामने आई चुनौतियों की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, यह प्रतिकूलता को अवसरों में बदलने का समय है। चुनौतियों के समाधान के लिए नवोन्मेषी विचारों के साथ आगे आने का युवाओं से आह्वान करते हुए श्री नायडू ने कहा कि वह चाहते हैं कि ऐसी परिस्थितियों का निर्माण हो जो अनेक नवोन्मेषी विचारों को बेहतर स्टार्ट-अप में बदलने में मददगार हो। आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए उपराष्ट्रपति ने स्टार्ट-अप इंडिया के माध्यम से अनुकूल वातावरण का निर्माण करने के लिए सराहना की।
Created On :   9 Dec 2020 2:11 PM IST