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यूनिवर्सिटी : बैलेट पेपर में धांधली का आरोप, मामला थाने पहुंचा

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यूनिवर्सिटी चुनाव में गायब हुए बैलेट पेपर का मामला तूल पकड़ने लगा है। बता दें कि यूनिवर्सिटी ने 28 नवंबर को सीनेट, एकेडमिक काउंसिल और बोर्ड ऑफ स्टडीज के चुनाव के परिणाम घोषित किए थे। मतगणना पूरी होने के बाद 200 से अधिक बैलेट पेपर गायब होने की बात सामने आने के बाद इसे लेकर बवाल मचा था। दरअसल यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में जितने बैलेट पेपर कटे, उतने मतपेटी में नहीं पाए गए। सेंट्रल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन संचालक सुनील मिश्रा ने इस प्रकरण की शिकायत करके जांच की मांग की है। सीताबर्डी पुलिस थाने मेें की गई शिकायत में मिश्रा ने कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे और कुलसचिव पुरणचंद्र मेश्राम पर धांधली का आरोप है।
जानबूझ कर बैलेट पेपर गायब करने का आरोप
बता दें कि मिश्रा ने पूर्व में इस संबंध में कुलगुरु डॉ. काणे को पत्र लिख कर बैलेट पेपर गायब होने की शिकायत पुलिस में करने की मांग की थी, लेकिन विवि की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से अब उन्होंने खुद ही शिकायत की है। शिकायतकर्ता सुनील मिश्रा ने इसे सीधे साजिश करार दिया है। उनका दावा है कि विवि के अधिकारियों ने ही जानबूझ कर बैलेट पेपर गायब किए, ताकि बाद में मनमर्जी तरीके से बैलेट पेपर पर मुहर लगा कर उन्हें वापस पेटी में डाला जा सके, मगर ऐसा संभव नहीं हुआ।
आखिर पेपर गए कहां
उल्लेखनीय है कि 25 नवंबर को नागपुर विश्वविद्यालय ने नागपुर, वर्धा, गोंदिया, भंडारा और जलगांव जिलों के 86 केंद्रों पर मतदान आयोजित किया था। इस चुनाव में करीब 12 हजार 502 मतदाता थे, जिसमें से 92.82 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किया था। 27 नवंबर से विवि के प्रशासकीय परिसर मंे मतगणना प्रारंभ हुई और 28 नवंबर शाम 4 बजे पूरी हुई। इसके बाद जब रिकॉर्ड मिलाने की कोशिश की गई, तो विवि को अनेक बैलेट पेपर ही गायब मिले। हांलाकि विवि प्रशासन ने दलील दी है की मतदान का विरोध करने वाले कुछ शिक्षकों ने बैलेट पेपर जेब में डाल कर ले गए होंगे, लेकिन प्रशासन की यह दलील कई हारे हुए प्रत्याशियों को रास नहीं आ रही है। उनके अनुसार मतदान केंद्र से बैलेट पेपर घर ले जाना संभव ही नहीं है, क्योंकि वहां कई स्तरों पर शिक्षकों की यह हरकत पकड़ में आ सकती थी। एक या दो बैलेट पेपर गायब होना माना जा सकता है, मगर इतनी बड़ी संख्या में बैलेट पेपर गायब होना कई तरह के संदेह पैदा कर रहा है।
Created On :   19 March 2018 11:10 AM IST