यूनिवर्सिटी ने निरीक्षण समितियों की कार्रवाई पर लगाई रोक

University bans execution attemts of inspection committees
यूनिवर्सिटी ने निरीक्षण समितियों की कार्रवाई पर लगाई रोक
यूनिवर्सिटी ने निरीक्षण समितियों की कार्रवाई पर लगाई रोक

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  नागपुर यूनिवर्सिटी ने बीएड कॉलेजों के निरीक्षण के लिए गठित स्थानीय निरीक्षण समितियों की कार्रवाई पर रोक लगाई है। दरसअल नए नियमों के अनुसार यह समितियां कॉलेजों की जांच करने वाली थी।  यूनिवर्सिटी ने नए नियमों का जो प्रारूप तैयार किया था, उसमें कई विसंगतियां थीं। दैनिक भास्कर ने लगातार यह मुद्दा सामने लाया था। काॅलेज भी  यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ उतर आए थे। हाल ही में  यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलजों के लिए अधिसूचना जारी की है। जिसमें उन्हें जानकारी दी गई है कि   यूनिवर्सिटी अपने प्रारूप में सुधार कर रहा है, इसलिए समितियों की कार्रवाई स्थगित की जा रही है। दरअसल कॉलेजों के विरोध के बाद  यूनिवर्सिटी ने प्रारूप पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया था। कॉलेजों द्वारा प्रारूप पर जताई गई आपत्तियों पर  यूनिवर्सिटी का बोर्ड आॅफ डीन  द्वारा  विचार किया जा रहा है। नए प्रारूप में फूल टाइम शिक्षकों की नियुक्ति, नैक-क्यूसीआई से मान्यता, परिसर का क्षेत्रफल जैसे कई मुद्दों है जिस पर कॉलेजों को छूट मिल सकती है। 

कॉलजों ने किया था विरोध
कई बीएड कॉलेजों ने  यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे को पत्र सौंप कर नए मापदंडों से होने वाले निरीक्षण का विरोध किया है। उनके अनुसार  कॉलेजों के लिए जरूरत से ज्यादा सख्त मापदंड रखे हैं। जिन्हें शत प्रतिशत पूरा करना संभव नहीं है। हाल ही में कॉलेजों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रकुलगुरु डॉ.प्रमोद येवले को भी निवेदन सौंपा था। मगर इसके बाद भी कोई राहत न मिलने से कॉलेजों ने कुलगुरु से मदद की गुहार लगाई थी। कॉलेजों ने अपने पत्र में कहा है कि उनका नए मापदंडों और एलईसी के निरीक्षण को विरोध है। ऐसे में  यूनिवर्सिटी को यह प्रारूप वापस लेना चाहिए। कॉलेज संगठनों की मानें तो इस प्रारूप में इतनी विसंगतियां हैं कि तय मानकों को पूरा करके सम्बद्धता प्राप्त करना काफी मुश्किल है। विवि ने शिक्षा महाविद्यालयों की सम्बद्धता के लिए मापदंडों की नई अधिसूचना जारी की है, जिसमें  यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि, कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए नैक का ग्रेड मायने रखेगा। जिन कॉलजों की नैक मूल्यांकन की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) से निरीक्षण करवाने के लिए जमा किए गए शुल्क की रसीद प्रस्तुत करनी होगी। इस अधार पर उन्हें एक वर्ष के लिए सम्बद्धता तो दी जाएगी, लेकिन नैक या क्यूसीआई से ग्रेडेशन नहीं मिलने पर उनकी सम्बद्धता खत्म कर दी जाएगी।

Created On :   11 April 2018 3:39 PM IST

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