B.ed कॉलेजों की मान्यता के लिए यूनिवर्सिटी ने शर्तों में किया बदलाव

University changed the conditions for the recognition of B.ed colleges
B.ed कॉलेजों की मान्यता के लिए यूनिवर्सिटी ने शर्तों में किया बदलाव
B.ed कॉलेजों की मान्यता के लिए यूनिवर्सिटी ने शर्तों में किया बदलाव

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यूनिवर्सिटी ने अंतत: B.ed, BP.ed कॉलेजों को मान्यता देने की अपनी शर्तों में बदलाव किया है। अब यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त करने के लिए कॉलेजों का नैक से मूल्यांकन होना अनिवार्य नहीं रहेगा। इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों (P.G टीचर) की नियुक्ति की जो शर्त रखी थी, उसे भी हटा दिया गया है। P.G टीचर के स्थान पर कोई भी मान्यता प्राप्त शिक्षक भी चलेगा। विश्वविद्यालय कुलगुरु डॉ.सिद्धार्थ विनायक काणे के अनुसार यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों और स्टूडेंट्स के हित को ध्यान में रखते हुए अपनी शर्तें ढीली की है।

दरअसल, नागपुर यूनिवर्सिटी शिक्षा महाविद्यालयों को मान्यता देने के लिए अपनी  लोकल इंक्वायरी कमेटी (LEC) से कॉलेज का निरीक्षण करवाता है। यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करने के आधार पर LEC कॉलेजों की रिपोर्ट तैयार करती है, जिसके बाद यूनिवर्सिटी कॉलेजों को मान्यता देता है। कॉलेजों का आरोप था कि इस बार यूनिवर्सिटी ने मापदंडों का जो प्रारूप तैयार किया था, उसकी शर्त इतनी कठिन थी कि नागपुर यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध करीब 75 महाविद्यालय बंद होने की कगार तक पहुंच गए थे। भास्कर डॉट काम ने लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। यूनिवर्सिटी ने अब अपनी शर्तों में बदलाव किया है।

यह थी विवादित शर्तें 
कॉलेज संगठनों का दावा था कि इस प्रारूप में इतनी विसंगतियां थीं कि तय मानकों को पूरा करके सम्बद्धता प्राप्त करना काफी मुश्किल है। यूनिवर्सिटी ने शिक्षा महाविद्यालयों की सम्बद्धता के लिए मापदंडों की नई अधिसूचना जारी की थी, जिसमें यूनिवर्सिटीने स्पष्ट किया था क, कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए नैक का ग्रेड मायने रखेगा। जिन कॉलजों की नैक मूल्यांकन की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) से निरीक्षण करवाने के लिए जमा किए गए शुल्क की रसीद प्रस्तुत करनी होगी। इस आधार पर उन्हें एक वर्ष के लिए सम्बद्धता तो दी जाएगी, लेकिन नैक या QCI से ग्रेडेशन नहीं मिलने पर उनकी सम्बद्धता खत्म कर दी जाएगी। लेकिन वास्तविकता में एनसीटीई ने नैक को मूल्यांकन के अधिकार नहीं दिए थे, इधर QCI से जुड़े विवाद भी न्यायालय में लंबित थे।

LEC की कार्रवाई स्थगित की गई है 
नया प्रारूप लागू करवाने के लिए यूनिवर्सिटी ने अपनी LEC की कार्रवाई पर स्थगन लगा रखा है। दरसअल नए नियमों के अनुसार यह समितियां कॉलेजों की जांच करने वाली थी। यूनिवर्सिटी ने नए नियमों का जो प्रारूप तैयार किया था, उसमें कई विसंगतियां थीं। भास्कर डॉट काम ने लगातार यह मुद्दा सामने लाया था। कॉलेज भी यूनिवर्सिटी के इस फैसले के खिलाफ उतर आए थे। हाल ही में यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलजों के लिए अधिसूचना जारी की है। जिसमें उन्हें जानकारी दी गई है कि यूनिवर्सिटी अपने प्रारूप में सुधार कर रहा है, इसलिए समितियों की कार्रवाई स्थगित की जा रही है। प्रारूप पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया था। कॉलेजों द्वारा प्रारूप पर जताई गई आपत्तियों पर यूनिवर्सिटी का बोर्ड ऑफ डीन विचार किया गया था।

Created On :   16 April 2018 1:05 PM IST

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