नागपुर यूनिवर्सिटी चुनाव में ABVP ने मारी बाजी

University election: BJPs youth wing ABVP cornered 4 of 6 seats
नागपुर यूनिवर्सिटी चुनाव में ABVP ने मारी बाजी
नागपुर यूनिवर्सिटी चुनाव में ABVP ने मारी बाजी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सटी में सीनेट की 10 स्नातक सीटों के चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बाजी मारी है। मंगलवार देर रात तक चली मतगणना में अधिकांश सीटों पर अभाविप के उम्मीदवार आगे रहे। अनुसूचित जाति श्रेणी से अभाविप के सुनील खंडारे 2638 मतों के साथ विजयी घोषित किए गए। उन्होंने सुमित मेश्राम (1724 मत) को हराया। इसी तरह अनुसूचित जनजाति श्रेणी में दिनेश शेराम 2295 मतों के साथ विजयी रहे। उनके सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी जितेंद्र किरसन को 1678 मत मिले। इधर वीजेएनटी श्रेणी से वामन तुरके 2533 मत प्राप्त करके विजयी रहे। उन्हें दिलीप मेश्राम ने 2445 मत प्राप्त करके कड़ी टक्कर दी। इसी तरह ओबीसी श्रेणी से वसंतकुमार चुटे ने सर्वाधिक 3087 मत प्राप्त करके जीत दर्ज की। महेश कुमार लाडे 1637 मत प्राप्त करके इस श्रेणी से दूसरे स्थान पर रहे। इसी तरह महिला श्रेणी से सरिता महेंद्र निंबरते ने 2658 मत प्राप्त करके जीत हासिल की। इन सभी सीटों के लिए 4 फरवरी को चुनाव संपन्न हुए थे। मंगलवार को विवि के दीक्षांत सभागृह में सुबह से मतगणना प्रारंभ हुई। ओपन श्रेणी से एड. मनमोहन वाजपेयी और प्रवीण उदपुरे ने 1 हज़ार 32 मतों का कोटा पूर्ण करके सीनेट में जगह बनाई है|

शुरुआत से ही बढ़त पर रहे
शुरुआत से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बढ़त बना ली थी। 4 सीटों पर अभाविप और एक सीट पर पदवीधर महासंघ ने कब्जा किया था। इस बार यंग टीचर्स, विद्यार्थी संग्राम परिषद, पदवीधर महासंघ और सेकुलर पैनल, नागपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन और शिक्षक भारती संगठन मैदान में थे। विवि में सक्रिय विविध बहुजन संगठनों ने भी परिवर्तन पैनल के तले चुनाव लड़ा। इस बार ओपन से 17, अनुसूचित जाति से 5, अनुसूचित जनजाति से 4, भटक्या-विमुक्त जाति-3, ओबीसी से 5 और महिला प्रवर्ग से 3 उम्मीदवार मैदान में थे। 4 फरवरी को ये चुनाव हुए थे। नागपुर समेत भंडारा, गोंदिया, वर्धा और जलगांव में करीब 17 हजार 340 मतदाता पंजीकृत थे, मगर अधिकांश मतदाताओं ने चुनावों में कोई रुचि नहीं दिखाई। 81 मतदान केंद्रों पर सुबह 8 से शाम 4 बजे तक हुए मतदान में महज 41.16 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था।  डॉ. श्रीकांत कोमावार, जी. एस. खड़ेकर और सी. डी. देशमुख की समिति मतगणना की प्रक्रिया नजर रख रही थी।

Created On :   7 Feb 2018 10:27 AM IST

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