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यूनिवर्सिटी कर्मचारियों को सम्मानपूर्वक देगा विदाई, दीक्षांत सभागृह में होगा सम्मान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी ने अपने कर्मचारियों के प्रति रवैये में सराहनीय बदलाव किया है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने न केवल कर्मचारियों को सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्ति देने का कदम उठाया है, कर्मचारियों के सम्मान में कुछ नए फैसले लेने पर भी विचार शुरू किया है। इस दिशा में यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे ने सेवानिवृत्त हुए प्राध्यापक डॉ. दिलीप पर्वते, सहायक कुलसचिव सत्यदेव रामटेके और उच्च श्रेणी लिपिक मोहन धोटे का सत्कार किया। कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के दीक्षांत सभागृह में आयोजित किया गया।
पूर्व में सख्त नियमों के चलते कर्मचारी तब असहज हो गए, जब 31 जुलाई को एक कर्मचारी के विदाई समारोह के लिए यूनिवर्सिटी ने दीक्षांत सभागृह देने से इनकार कर दिया। मजबूरन कर्मचारियों को यह कार्यक्रम परिसर के मुख्य गेट के बाहर पार्किंग लॉट में आयोजित करना पड़ा था। इससे यूनिवर्सिटी की काफी किरकिरी हुई थी।
दरअसल विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट काउंसिल ने निर्णय लिया था कि यूनिवर्सिटी अपने दीक्षांत सभागृह को केवल यूनिवर्सिटी के खुद के कार्यक्रम या फिर सरकारी कार्यक्रम के लिए ही उपलब्ध कराएगा। निजी कार्यक्रम के लिए दीक्षांत सभागृह नहीं दिया जाएगा। बीते दिनों कुलगुरु ने सीनेट में स्पष्ट किया था कि यूनिवर्सिटी निजी कार्यक्रम दीक्षांत सभागृह में लेने की अनुमति नहीं देगा। यहां तक की यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के कार्यक्रम को भी उनका निजी कार्यक्रम माना जाएगा। इसके चलते सेवानिवृत्ति कार्यक्रम के लिए सभागृह देने से इंकार कर दिया था, लेकिन अब यूनिवर्सिटी ने अपने फैसले को बदल लिया है।
कर्मचारियों की उपेक्षा के खिलाफ छेड़ी गई थी मुहिम
यूनिवर्सिटी में विविध मौकों पर होने वाली कर्मचारियों की उपेक्षा के खिलाफ नागपुर विश्वविद्यालय बहुजन संगठन ने मुहिम छेड़ी थी। यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस समारोह में आदर्श कर्मचारी पुरस्कारों की संख्या बढ़ाने और सम्मान भोज में केवल अधिकारी ही नहीं कर्मचारियों को भी आमंत्रित करने की मांग की थी। संगठन की इसी मांग पर विवि कुलगुरु डॉ. काणे ने विचार करने की तैयारी दिखाई। इस संबंध में संगठन को पत्र भी लिखा।
समारोह में चुनिंदा कर्मचारियों को बुलाया जाता था
उल्लेखनीय है कि, नागपुर विश्वविद्यालय हर साल अपने स्थापना दिवस समारोह में आदर्श अधिकारी, आदर्श कर्मचारी व अन्य पुरस्कार प्रदान करता है। संगठन के अनुसार यूनिवर्सिटी में अधिकारियों की संख्या तो समिति है, मगर कर्मचारियों की संख्या 400 के पार है। ऐसे में 400 कर्मचारियों पर केवल एक पुरस्कार उचित नहीं है, पुरस्कारों की संख्या बढ़नी चाहिए। इसी तरह यूनिवर्सिटी के किसी भी बड़े आयोजन के बाद मुख्य अतिथि के सम्मान में दिए जाने वाले भोज में केवल आला अधिकारियों और कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को ही आमंत्रित किया जाता। यूनिवर्सिटी का यह रवैया भेदभावपूर्ण है, इस मुद्दे को उठाकर संगठन ने सभी कर्मचारियों को सम्मान भोज में आमंत्रित करने की मांग की थी। जिसे यूनिवर्सिटी ने आखिर मंजूर कर लिया है।
Created On :   1 Sept 2018 2:34 PM IST