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यूूनिवर्सिटी डॉ. मिश्रा सेे वापस लेगी गांधी थाट्स का डिप्लोमा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर यूनिवर्सिटी ने कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के कुलगुरु और दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के प्र-कुलगुरु डॉ. वेदप्रकाश मिश्रा से "प्लैगेरिज्म" के जरिए गांधी विचारधारा का डिप्लोमा वापस लेने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि इस संदर्भ में नागपुर यूनिवर्सिटी ने उन्हें बीते दिनों नोटिस जारी किया था। जिस पर सोमवार को एक बैठक में यूनिवर्सिटी ने डिप्लोमा वापस लेने का निर्णय लिया है। बता दें कि नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई कार्रवाई रोकने की डॉ. मिश्रा की अर्जी को कोर्ट ने शुक्रवार खारिज कर दिया था, जिसके बाद यूनिवर्सिटी की कार्रवाई का रास्ता पहले ही साफ हो गया था।
यह है मामला
डॉ.मिश्रा ने विवि से वर्ष 1987 में "पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन गांधीयन थॉट्स" का डिप्लोमा प्राप्त किया था। इसके बाद डॉ. रामभाऊ तुपकरी ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि मिश्रा ने इस थीसिस को लिखने के लिए नकल का सहारा लिया है। डॉ. तुपकरी के अनुसार, डॉ.मिश्रा ने वर्ष 1887 में डॉ.राव द्वारा लिखित किताब से यह थीसिस कॉपी किया था। इसके बाद रत्नपारखी कमेटी ने प्रकरण की जांच की थी। समिति ने विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद से डॉ.मिश्रा का यह डिप्लोमा रद्द करने की सिफारिश की थी। विवि ने वर्ष 1994 में उनका यह डिप्लोमा रद्द करने की कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद डॉ. मिश्रा ने दीवानी न्यायालय की शरण लेकर विवि की कार्रवाई को चुनौती दी थी। हाल ही में न्यायालय से अर्जी खारिज हुई है। पश्चात यूनिवर्सिटी के फैसले पर सभी का ध्यान केन्द्रित था।
दो ही स्थिति में डिग्री होती है वापस
अधिकृत सूत्रों की मानें तो नागपुर यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार दो ही मौकों पर डिग्री वापस ली जा सकती है। अगर किसी ने एक साथ दो डिग्रियां प्राप्त की हो, या फिर वह श्रेणी सुधार के लिए अपनी डिग्री त्यागना चाहता हो। डॉ.मिश्रा के मामले में यह दोनों स्थितियां नहीं है। ऐसे में उनके डिप्लोमा वापस करने का मुद्दा यूनिवर्सिटी में चर्चा का विषय बना रहा।
Created On :   26 Feb 2018 3:02 PM IST