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अनलॉक - गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां, बाजार में उमड़ी भीड़ - सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हुआ

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। अनलॉक के पहले दिन ही बाजार में कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ गई। सुबह पूरा बाजार खुल गया। लोग बिना मास्क, बिना सोशल डिस्टेंस के बाजार में खरीदी करने पहुंच गए। हालात बिगड़ता देख मौके पर पहुंचा प्रशासनिक अमला दिन भर ऑड इवेन पैटर्न को समझाता रहा। दरअसल छिंदवाड़ा जिले को 54 दिन बाद सोमवार को आंशिक अनलॉक किया गया। जिला प्रशासन ने ऑड इवेन पैटर्न पर प्रतिबंध से मुक्त की गई दुकानों को सप्ताह में तीन-तीन दिन खोलने की व्यवस्था बनाई थी। दुकानों पर 1 नम्बर व 2 नम्बर लिखकर एक दिन के अंतराल में खोलने की अनुमति दी गई है। मंगलवार दोपहर 12 बजे का नाजारा यह था कि एक-एक कर सभी दुकानें खुल गई थीं। लोग बिना मास्क व बिना सोशल डिस्टेंस के सड़कों पर उतर आए थे। इधर व्यापारी नम्बरों में उलझकर प्रशासन के खिलाफ में खड़े हो गए थे। कलेक्टर व एसपी ने कमान संभालते हुए पूरे शहर का दौरा किया, लोगों को ऑड इवेन पेटर्न समझाया और व्यवस्था संभाली।
2 और 3 शटर दुकानों के फायदे
बंद दुकानों में जिला प्रशासन ने दुकानों की शटर के हिसाब से नम्बरिंग कर दी थी। 2 और तीन शटर वाली दुकानों में ऑड इवेन पैटर्न के हिसाब से बंद रखने और खोलने के लिए दोनों ही नम्बर उपलब्ध थे। व्यापारियों ने 2 नम्बर चस्पा वाली शटर खुली रखकर व्यापार किया।
तीन दुकानें की सील, सराफा व्यापारी पर ठोंका जुर्माना
ऑड इवेन के तहत जारी गाइड लाइन का पालन कराने मंगलवार दोपहर कलेक्टर सौरभ सुमन और पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल शासकीय अमले के साथ छिंदवाड़ा शहर के बाजार क्षेत्र का भ्रमण करने निकले। दुकानदारों और आम जन को लागू प्रतिबंधों का पालन करने की समझाइश दी। उल्लंघन करने वाले तीन दुकानदारों की दुकानें सील की गई, जबकि एक सराफा व्यापारी पर 5 हजार रुपए का जुर्माना ठोंका गया। ाल
चिकित्सक की राय: लापरवाही बरती तो भयावह हो सकते हैं परिणाम
पब्लिक और प्रशासन दोनों को ही अनलॉक की गाइड लाइन का पालन करना होगा। जैसा की पहले दिन ही बाजार में भीड़ के हालात बने इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। छूट का फायदा उठाने वालों की वजह से ही हालात बिगडऩे की संभावना है। लॉकडाउन विकल्प है, कोई हल नहीं। लोगों को प्रोटोकॉल का पालन प्रचलन में लाना होगा। तभी हम महामारी से बचने के साथ लॉकडाउन जैसे विकल्प अपनाने से बच सकते हैं।
-डॉ सुशील राठी, महामारी नियंत्रण अधिकारी
Created On :   2 Jun 2021 3:49 PM IST