शिवसेना के असंतुष्टों में भी गुटबाजी, मुंबई में मिली निराशा

Unsatisfied leaders in Shiv Sena, disappointment from Mumbai
शिवसेना के असंतुष्टों में भी गुटबाजी, मुंबई में मिली निराशा
शिवसेना के असंतुष्टों में भी गुटबाजी, मुंबई में मिली निराशा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगर शिवसेना में दो जिला प्रमुख की मांग को लेकर सामने आई गुटबाजी फिलहाल अलग मोड़ पर पहुंच गई है। असंतुष्टों में भी गुटबाजी उभरने लगी है। लिहाजा मुंबई में वरिष्ठ नेताओं से संपर्क का प्रयास कर रहे कार्यकर्ताओं में निराशा है। कुछ कार्यकर्ता शनिवार को ही लौट आए हैं तो कुछ रविवार को लौटने वाले हैं। इस बीच जिला प्रमुख प्रकाश जाधव अपने समर्थकों के साथ मुंबई जाने की तैयारी कर रहे हैं। असंतुष्ट कार्यकर्ताओं में शामिल एक कार्यकर्ता ने बताया कि शनिवार को संपर्क प्रमुख गजानन कीर्तिकर से चर्चा की गई।

दिवाकर रावते से भी बात की गई। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से 2 मिनट मुलाकात की गई। महत्वपूर्ण चर्चा कीर्तिकर से हुई। कीर्तिकर ने कहा है कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए सबको मिलजुलकर कार्य करना होगा। जिला प्रमुख जाधव ग्रामीण क्षेत्र से यहां आए हैं। दूसरे जिला प्रमुख के तौर पर शहर से नाम सुझाये जा रहे हैं। इस मामले में विचार करने का आश्वासन श्री कीर्तिकर ने दिया। उद्धव ठाकरे ने केवल 2 मिनट तक शहर के कार्यकर्ताओं की शिकायत व सुझाव सुने। इस बीच पूर्व नागपुर में कार्यकारिणी के गठन के विषय पर भी चर्चा हुई।

जिला स्तर पर संगठन में प्रमुख भूमिका निभा चुके एक नेता का असंतोष अधिक चर्चा में रहा। नेता के करीबी कार्यकर्ताओं ने असंतोष का कारण गिनाते हुए कुछ पदाधिकारियों के नाम गिना दिए। चिंटू, गुड्डू व नितीन को लेकर प्रमुखता से शिकायत की गई। हालांकि असंतुष्ट कार्यकर्ताओं में यह कहने वालों की भी कमी नहीं थी कि जिनके नाम पर असंतोष जताया जा रहा है उनके भरोसे ही नागपुर में शिवसेना के सबसे अधिक प्रदर्शन होते रहे हैं। संगठन कार्य व प्रदर्शनों में कोई भूमिका नहीं निभाने वाले नेता केवल असंतोष जता रहे हैं। नासुप्र, मनपा, विश्वविद्यालय से लेकर महाराजबाग प्रशासन तक के विरोध में शिवसेना के चर्चित प्रदर्शनों में सबसे अधिक जिनका योगदान रहा उनका विरोध किया जाना ठीक नहीं होगा।

लिहाजा कुछ कार्यकर्ता नागपुर लौट आए। शहर शिवसेना की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले नगरसेवक किशोर कुमेरिया, शेखर सावरबांधे, किरण पांडव सहित अन्य नेता फिलहाल इस पूरे मामले में कहीं भी लिप्त नजर नहीं आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि नये पुराने कार्यकर्ताओं से चर्चा करके शहर कार्यकारिणी के विस्तार को जल्द गति दी जाएगी।

Created On :   16 Dec 2018 12:26 PM GMT

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