मातृ मृत्यु दर को कम करने आई स्टेट की टीम के सामने प्रसूता की मौत पर हुआ हंगामा

Uproar over maternal death in front of state team to reduce maternal mortality
 मातृ मृत्यु दर को कम करने आई स्टेट की टीम के सामने प्रसूता की मौत पर हुआ हंगामा
 मातृ मृत्यु दर को कम करने आई स्टेट की टीम के सामने प्रसूता की मौत पर हुआ हंगामा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मातृ-शिशु मृत्यु दर के बढ़ते आंकड़े को कम करने चल रही लक्ष्य योजना के तहत सुबह स्टेट की एक टीम जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड का निरीक्षण करने पहुंची थी। टीम की मौजदूगी में वार्ड में एक प्रसूता ने दम तोड़ दिया। टीम के सामने प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए वार्ड के भीतर ही हंगामा मचाया और कार्रवाई की मांग करते हुए शव की सुपुर्दगी लेने से इनकार कर दिया। पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
मड़कावाड़ा निवासी रुकमणि गठोरिया ने बताया कि अमरवाड़ा के ग्राम गाडरवाड़ा में रहने वाली बेटी 35 वर्षीय शैलकुमारी पिता श्याम गुन्हेरे को डिलेवरी के लिए गुरुवार को गायनिक वार्ड में भर्ती कराया गया था। रात लगभग 3.30 बजे प्रसव पीड़ा बढऩे पर उसका सीजर किया गया। ऑपरेशन के बाद सुबह लगभग दस बजे अचानक शैलकुमारी की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक व स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। हंगामे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश देकर मामला शांत कराया। कोतवाली में परिजनों ने इस मामले की शिकायत की है। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
मरीज को ओटी से बेड तक लाने के लिए रुपए-
मृतका की मां रुकमणि गठोरिया और मामी रज्जो चौरिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि ऑपरेशन के बाद ओटी से बेड तक लाने स्टॉफ को दो सौ रुपए देने पड़े। यही नहीं गायनिक वार्ड में भर्ती से लेकर सीजर तक अलग-अलग स्टाफ को रुपए देने पड़े। परिजनों ने रुपए मांगने वाले स्टॉफ पर कार्रवाई की मांग की है।
एफआईआर होने तक शव लेने से किया इनकार-
मृतका के परिजनों ने वार्ड में हंगामा मचाते हुए लापरवाह चिकित्सक व स्टाफ पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इस दौरान परिजनों ने शव की सुपुर्दगी लेने से इनकार कर दिया था। पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
- शैलकुमारी की हालत गंभीर होने पर मेडिसिन और गायनिक के चिकित्सकों ने काफी प्रयास किए, लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका। चिकित्सक पर लगाए जा रहे आरोप निराधार है। वहीं स्टाफ द्वारा रुपए लेने की शिकायत की जांच कराई जाएगी।
- डॉ.श्रीमती पी गोगिया, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
 

Created On :   22 Dec 2019 7:00 PM IST

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