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दैनिक भास्कर हिंदी: दवाईयों पर लागत से कई गुना ज्यादा लिखी जाती है MRP, देश में ड्रग पॉलिसी की जरूरत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जेनरिक और जीवन रक्षक दवाएं गरीबों को रहात देने के बजाय दवा निर्माताओं से लेकर मेडिकल स्टोर संचालकों की जेब भर रही है। द निजामाबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संस्थापक अध्यक्ष पुरुषोत्तम सोमानी ने आरोप लगाया है कि दवा निर्माता कंपनियों की ओर से मनमाने ढंग से दवाईयों पर लागत से हजारों गुना ज्यादा एमआरपी लिखी जाती है ताकि कुछ फीसदी छूट देने के बावजूद रिटेलर मोटा मुनाफा कमा सकें। उन्होंने सरकार से सामान्य जनता की हो रही लूट को रोकने के लिए ऐसी व्यवस्था करने की मांग की है कि सभी दवाइयों के कुल बिक्री मूल्य का कारोबारी अंतर 35 फीसदी से ज्यादा न हो।
उन्होंने शनिवार को यहां प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में तथ्य और आंकड़े पेश करते हुए कहा कि यह इसलिए हो रहा है क्योंकि दवाईयों की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए देश में कोई ड्रग प्राइस पॉलिसी नहीं है। उन्होंने बताया कि दवाइयों के लेबल पर निर्माताओं की ओर से छापी गई MRP इन दवाओं की बिक्री के दामों से 3000 फीसदी तक होती है। यह केवल जेनेरिक और जीवन रक्षक दवाइयों पर ही नहीं बल्कि सर्जिकल उपकरण के दाम भी बढ़ा-चढ़ाकर प्रिंट किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस धंधे में डॉक्टर से लेकर खुदरा व्यापारियों की कंपनियां के साथ मिलीभगत होती है और अपनी दवाएं ज्यादा से ज्यादा बेचने के चक्कर में वे लेबल पर मनमाने ढंग से एमआरपी प्रिंट करवाते हैं।
उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि सिप्ला कंपनी द्वारा निर्मित ओकासेट-एल टैबलेट वितरक 3.70 रुपये में निर्माताओं से खरीदते है, पर इस दवा के पैकेट पर 57 रुपए एमआरपी छापी गई है जो कि 1540 फीसदी ज्यादा है। रिलायंस की ओर से निर्मित एरिथ्रोपाइन आईपी 4000 आईयू (डायलिसिस इंजेक्शन) 150 रुपये में वितरकों को मिलती है, लेकिन इस इंजेक्शन के लेबल पर 1400 रुपये एमआरपी प्रिंट है। यह इंजेक्शन अपनी वास्तविक कीमत से 933 फीसदी ज्यादा दाम पर बाजार में बेचा जा रहा है। वहीं वॉकहार्ट द्वारा निर्मित सिनवॉक्स 25 टी (सिनारिजाइन आईपी 25 मिलिग्राम) वितरक को 8 रुपये में मिलती है, लेकिन इन दवाओं पर 160.13 रुपये एमआरपी प्रिंट है जो 2001 फीसदी ज्यादा है।
सोमानी ने कहा कि देश में 32834 प्रकार की दवाईयां बाजार में बेची जाती है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय से 24 जनवरी 2019 को मिले पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इन कुल दवाईयों में से 80 फीसदी दवाइयां ऐसी है जो कीमतों के नियंत्रण से बाहर है। उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिलकर दवाईयों पर बेताहाशा बढ़ा-चढाकर प्रिंट करके सामान्य जनता की हो रही लूट का मुद्दा उनके संज्ञान में लाया।
साथ ही केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौडा, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नढ्ढा, रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री मनसुख मांडवीय के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया और दवाईयों पर 35 फीसदी कैप लगाने की मांग की है। सोमानी ने कहा कि सरकार ने हालांकि दवाईयों के बिक्री मूल्य पर 35 फीसदी के कारोबारी अंतर पर नियंत्रण रखने की मांग स्वीकार की है। यदि इस पर अमल नही होने पर वह जल्द ही इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे।
भोपाल: आईसेक्ट द्वारा डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा लर्निंग एंड डेवलपमेंट की पहल के तहत बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में "टीम बिल्डिंग, टाइम मैनेजमेंट और सॉफ्ट स्किल्स" विषय एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आईसेक्ट भोपाल की कॉर्पोरेट एचआर टीम इस अवसर पर बिलासपुर में उपस्थित रही और श्रीमती पुष्पा कश्यप की अध्यक्षता में टीम एचआर, बिलासपुर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में 80 से अधिक फैकल्टी सदस्यों ने अपनी पूरी भागीदारी के साथ भाग लिया। विशेषज्ञ प्रख्यात वक्ता श्रीमती गीतिका जोशी जो प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल्स में एक कॉर्पोरेट ट्रेनर हैं, ने बात करते हुए टाइम मैनेजमेंट के कई टिप्स दिए और कार्यस्थल पर प्रोडक्टिव होने के तरीके बताए। श्री गौरव शुक्ला, डॉ. सीवीआरयू के रजिस्ट्रार और प्रो-वाइस चांसलर श्रीमती जयती मित्रा ने इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को अपस्किल करने में एलएंडडी/कॉर्पोरेट एचआर टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कुछ अंतराल पर अपने तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। सीवीआरयू बिलासपुर के चांसलर श्री संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह की निदेशक श्रीमती अदिति चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की सफलता पर टीम सीवीआरयू और कॉर्पोरेट एचआर/एल एंड डी को बधाई दी।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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