चुनाव में धन के बढ़ते इस्तेमाल से मुख्यमंत्री ने जताई चिंता, सुझाया ये फार्मुला

Use of funds in elections are not good, CM suggested this formula
चुनाव में धन के बढ़ते इस्तेमाल से मुख्यमंत्री ने जताई चिंता, सुझाया ये फार्मुला
चुनाव में धन के बढ़ते इस्तेमाल से मुख्यमंत्री ने जताई चिंता, सुझाया ये फार्मुला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। चुनावों में पैसों का ज्यादा इस्तेमाल चिंता की बात है। चुनाव बाद उम्मीदवारों को यह कहते सुना जाता है कि मैंने वोट के लिए मतदातओं को इतने पैसे दिए। चुनावों में इस तरह पैसों का इस्तेमाल रुकना चाहिए। यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कही। उन्होंने कहा कि इस बात पर भी विचार किया जाना चाहिए कि क्या राज्य चुनाव आयोग मतदान को अनिवार्य बना सकता है? मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग नीतिगत मसलों पर बोलने में हमेशा आगे रहते हैं पर वे वोट देने नहीं जाते। इसलिए मतदान के लिए सख्ती करने की जरूरत है।

लोकतंत्र पखवाड़े के मौके पर बोले सीएम
मुख्यमंत्री शुक्रवार को सहयाद्री अतिथिगृह में राज्य चुनाव आयोग की तरफ से आयोजित लोकतंत्र पखवाड़े के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग को हर साल चुनाव कराने पड़ते हैं। राज्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराए जाने के बारे में विचार किया जाना चाहिए। इससे प्रशासन व पुलिस का बोझ कम होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति का अपराधीकरण भी एक गंभीर समस्या है। इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संविधान में मिले अधिकारों के तहत चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए चुनाव आयुक्त की अध्यक्षता में एक  समिति बनाई जाए। समिति अभ्यास कर अपनी रिपोर्ट सरकार के पास भेजे। जिससे कानून में आवश्यक बदलाव किया जा सके।

चुनाव में धन के इस्तेमाल से बढ़ रहा भ्रष्टाचार: राज्यपाल
इस मौके पर राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने कहा कि स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव में पैसों का इस्तेमाल चिंताजनक है और यहीं वहां भ्रष्टाचार का कारण भी है। उन्होंने कहा कि यदि चुनाव प्रक्रिया में इसी तरह धन की ताकत का इस्तेमाल बढ़ा तो आम आदमी का लोकतंत्र से विश्वास उठ जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में युवकों की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल होना चाहिए। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी कोशिश होनी चाहिए।

नए कानून की जरूरत: सहारिया
इस मौके पर राज्य चुनाव आयुक्त जेएस सहारिया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में हुए स्थानीय स्वराज संस्थाओं के 80 फीसदी चुनाव शांतिपूर्ण हुए हैं। साथ ही मतदान का प्रतिशत भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव के लिए नए कानून बनाने की जरूरत है। सहारिया ने बताया कि यूके की एक संस्था ने चुनाव प्रक्रिया के संदर्भ में 167 देशों का अभ्यास किया है।  चुनाव प्रक्रिया के मामले में भारत को 35 वां स्थान मिला है।

Created On :   9 Feb 2018 2:42 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story