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पांच राज्यों के स्वच्छता सर्वे में वाड़ी नप को 172 रैंक, जन-जन के सहयोग से मिली सफलता
डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वच्छ भारत अभियान पूरे देश मे चलाया गया। इस अभियान में देश की महानगर पालिका से लेकर नगर पालिका,नगर पंचायतों तक का समावेश किया गया। मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स गवर्नमेन्ट ऑफ इंडिया ने हाल ही में स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में चार राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की 867 नगर पालिकाओं का समावेश किया था। जिसमें वाड़ी नगर परिषद को वेस्ट जोन रैंक में 172वां नंबर मिला।
वहीं राज्य की 217 नगर पालिकाओं ने इस सर्वेक्षण में हिस्सा लिया था, जिसमें वाड़ी नप को 137वां नंबर मिला है। चार साल की वाड़ी नगर परिषद को चार राज्यों में स्थान मिलने पर नागरिकों में हर्ष व्याप्त है। वाड़ी नगर परिषद की स्थापना 25 अगस्त 2014 को हुई थी। ग्राम पंचयत से नगर परिषद बनने के बाद यहां व्यवस्था में सुधार के लिए 10 साल का समय लगने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन कर्तव्य दक्ष मुख्याधिकारी राजेश भगत ने वाड़ी की कमान संभालते ही वाड़ी का चेहरा-मोहरा बदलने का संकल्प लिया और स्वच्छ भारत अभियान की दौड़ में वाड़ी को उतारा।
खुश हैं अधिकारी
राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र, इन चार राज्यों की कुल 876 पालिकाओं ने स्वच्छ सर्वेक्षण में हिस्सा लिया था, जिसमें वाड़ी को 172वां स्थान प्राप्त हुआ, जबकि राज्य में 137वें नंबर पर रही। केवल चार साल में वाड़ी नगर परिषद को इस अभियान में स्थान मिलने पर अधिकारी भी खुश दिखाई दिए।
फरवरी में वाड़ी पहुंची थी जांच समिति
नप के सभी कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत की। सुबह 5 बजे से ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की टीम वाड़ी में मौजूद रहती थी। स्वास्थ्य सभापति केशव बांदरे का भी इस सफाई में बड़ा योगदान रहा। नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष ने भी इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रयास किए। नागरिकों को जागरूक करने के लिए पार्षदों ने भी परिश्रम किया। फरवरी में जांच समिति की टीम वाड़ी पहुंची। समिति ने वाड़ी के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर सर्वेक्षण किया और वापस लौट गई।
डम्पिंग यार्ड के लिए नहीं मिल पाई जगह
खास बात यह है कि, वाड़ी में अब तक कचरे को ठिकाने लगाने के लिए डम्पिंग यार्ड की जगह नहीं मिल पाई है। प्रस्ताव अटके पड़े हैं। सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है। वाड़ी के एक निजी खदान में कचरा डम्प किया जा रहा है। इस भारी समस्या के बाद भी वाड़ी नप ने स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर पाया है।
2 करोड़ 28 लाख डीपीआर मंजूर
स्पर्धा में आने के लिए सभी कर्मचारियों ने मेहनत की नागरिकों का भी सहकार्य मिला। नप में साधन सामग्री के अभाव में नंबर कम मिले, लेकिन अब 2 करोड़ 28 लाख डीपीआर मंजूर किए गए। अगले सर्वे में देश में 10वां स्थान पाएंगे।
(राजेश भगत, मुख्याधिकारी, वाड़ी नप)
Created On :   3 July 2018 7:00 AM GMT