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वाझे ने बताया शर्मा ने मंगाई थी जिलेटीन की छड़ें, प्रदीप से दूसरे दिन भी हुई घंटों पूछताछ
डिजिटल डेस्क, मुंबई। एंटीलिया विस्फोटक और मनसुख हिरेन हत्या मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और शिवसेना नेता प्रदीप शर्मा की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने शर्मा से गुरूवार को लगातार दूसरे दिन लंबी पूछताछ की। दरअसल मामले में गिरफ्तार पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने एनआईए को बताया है कि प्रदीप शर्मा ने ही अपने एक सहयोगी के जरिए जिलेटिन की छड़ें मंगाई थी। इन्हीं जिलेटिन की छड़ों को 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर खड़ी स्कॉर्पियों में धमकी भरे पत्र के साथ रखा गया था। वाझे ने एनआईए को यह भी बताया कि फर्जी नामों से गुजरात से हासिल किए गए कुछ सिमकार्डों का इस्तेमाल प्रदीप शर्मा कर रहे थे। शर्मा ने तीन और चार मार्च की रात को भी वाझे के साथ मुलाकात की थी। वाझे ने जब मनसुख हिरन को फोन कर मिलने के लिए बुलाया था तब भी शर्मा वाझे के साथ मौजूद था। इससे पहले 2 मार्च को दोपहर में भी शर्मा ने वाझे से उसके मुंबई पुलिस मुख्यालय में स्थित ऑफिस में मुलाकात की थी। दोनों के बीच एक घंटे से ज्यादा समय तक बातचीत हुई थी इसके बाद दोनों ने मुंबई पुलिस के एक और वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात की थी। इसी दिन वाझे ने हिरन की एक वकील से मुलाकात कराई थी जिसकी मदद से एक शिकायती पत्र लिखा गया था। इसमें हिरन की ओर से दावा किया गया था कि उसे मीडिया और पुलिस के लोग बार बार फोन कर परेशान कर रहे हैं।
मनसुख को जिम्मेदारी लेने बनाया था दबाव
तीन मार्च को भी हिरेन को सीआईयू ऑफिस बुलाया गया था, जहां उसे एंटीलिया के बाहर विस्फोटक भरी कार खड़ी करने की जिम्मेदारी लेने को कहा जा रहा था, लेकिन काफी दबाव के बावजूद वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ। बता दें कि मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले पुलिस की नौकरी छोड़ दी थी और नालासोपारा विधानसभा सीट से शिवसेना की टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 100 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके शर्मा पर अंडरवर्ल्ड से संबंध, आय से अधिक संपत्ति और फर्जी एनकाउंटर के भी आरोप लगे थे लेकिन अदालत में आरोप साबित नहीं हो सके थे। शर्मा मूलरुप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के निवासी हैं।
सीबीआई ने दर्ज किया परमबीर सिंह का बयान
हाईकोर्ट के आदेश पर 100 करोड़ रुपए के घूस कांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरूवार को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह, एसीपी संजय पाटील और निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का बयान दर्ज किया है। साथ ही मामले की याचिकाकर्ता और पुलिस में शिकायत करने वाली वकील जयश्री पाटील का भी बयान दर्ज किया है। वाझे का बयान एनआईए ऑफिस में दर्ज किया गया जबकि दूसरे लोगों को सीबीआई ऑफिस में बयान दर्ज करने बुलाया गया था। वसूली की शिकायत करने वाले परमबीर सिंह ने दावा किया था कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इसके लिए जो बैठक की थी उसमें एसीपी पाटील मौजूद थे। उन्होंने पाटील के साथ अपने ह्वाट्सएप चैट को भी शिकायत में जोड़ा था। बता दें कि हाईकोर्ट ने 15 दिन में मामले की प्राथमिक जांच के निर्देश सीबीआई को दिए हैं।
Created On :   8 April 2021 10:40 PM IST