सीट पर मिलते ही नहीं वेंडर, दलालों के माध्यम से कर रहे स्टाम्प की बिक्री

Vendors are not even available on the seat, selling stamps through brokers
सीट पर मिलते ही नहीं वेंडर, दलालों के माध्यम से कर रहे स्टाम्प की बिक्री
सीट पर मिलते ही नहीं वेंडर, दलालों के माध्यम से कर रहे स्टाम्प की बिक्री



-एक सप्ताह से दिक्कत, शिकायत के बाद जांच करने पहुंचे डिप्टी रजिस्ट्रार
डिजिटल डेस्क शहडोल।  जिले में पिछले एक सप्ताह से स्टाम्प बिक्री में गड़बड़ी की जा रही है। पर्याप्त मात्रा में स्टाम्प होने के बाद भी वेंडर सीट पर नहीं बैठते हैं और स्टाम्प की बिक्री नहीं करते हैं। तहसील कार्यालय के बाहर घूमने वाले दलालों के माध्यम से अधिक दाम में स्टाम्प की बिक्री की जा रही है। शिकायत के बाद जांच भी शुरू हो गई है।
दरअसल, इस समय स्कूल, कॉलेज के ट्राइबल व ओबीसी छात्र-छात्राएं आवास सुविधा सहित अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ पाने के लिए लिए शपथ पत्र बनवा रहे हैं। इसके लिए रोजाना काफी संख्या में स्टूडेंट्स तहसील कार्यालय पहुंचते हैं। इन्हें 150 रुपए के स्टाम्प में शपथ पत्र बनवाना होता है।  इसके देखते हुए स्टाम्प वेंडरों ने स्टाम्प में खेल शुरू कर दिया है। जिनके नाम पर लाइसेंस हैं, वे अपनी सीट पर बैठते ही नहीं हैं। दलालों के माध्यम से अधिक कीमत पर स्टाम्प की बिक्री की जा रही है। जिले में करीब 22 स्टाम्प वेंडर को लाइसेंस जारी किए गए हैं।
दिन भर परेशान घूमते रहे विद्यार्थी व आमजन
तहसील कार्यालय में बुधवार को काफी संख्या मेें छात्राएं स्टाम्प के लिए भटक रही थीं। कोई भी वेंडर स्टाम्प देने को तैयार नहीं था। 10, 20, और 50 रुपए के स्टाम्प तो मिल ही नहीं रहे हैं। इसकी शिकायत जिला कोषालय अधिकारी के  पास पहुंची थी। उन्होंने तत्काल डिप्टी रजिस्ट्रार को जांच के लिए भेजा। डिप्टी रजिस्ट्रार जय सिंह सिकरवार दोपहर बाद करीब 4 बजे तहसील कार्यालय में जांच के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पाया कि सिर्फ एक वेंडर ही स्टाम्प की बिक्री कर रहा है। उसके पास छात्र-छात्राओं सहित आम लोगों की भीड़ लगी हुई थी। वहीं अन्य कोई भी वेंडर अपनी सीट पर नहीं मिला। सभी वेंडर को अपना नाम और उपलब्ध स्टाम्प की डिटेल का बैनर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
अधिकारियों ने माना, डिमांड बढ़ाने की साजिश
डिप्टी रजिस्ट्रार ने बताया कि स्टाम्प वेंडरों की गड़बड़ी की लगातार शिकायतें मिल रही हैं। बुधवार को भी शिकायत मिली थी कि स्टाम्प नहीं मिल रहा है। वेंडर जानबूझ कर ऐसी गड़बड़ी कर रहे हैं, ताकि डिमांड बढ़े और अधिक रेट में स्टाम्प बेचा जा सके। इससे पहले करीब चार दिन पहले भी राजेश मिश्रा के खिलाफ शिकायत मिली थी। कलेक्टर के निर्देश के बाद राजेश मिश्रा के यहां छापामार कार्रवाई की गई थी। स्टाम्प संबंधी रजिस्टर जब्त किया गया है। गड़बड़ी मिलने पर लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई जिला पंजीयक के पास प्रस्तावित की गई है। जिला पंजीयक इस समय अवकाश पर हैं। उनके आते ही संबंधित का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।
दो के लाइसेंस हो चुके निलंबित
स्टाम्प बिक्री में गड़बड़ी पाए जाने पर पिछले सप्ताह दो वेंडरों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। लाइसेंस किसी और के नाम से था और इसकी बिक्री कोई और कर रहा था। तमन्ना अली की बेटी के नाम पर वेंडर का लाइसेंस है और स्टाम्प की बिक्री मां कर रही थी। इसी तरह मां के लाइसेंस पर शमा अंसारी स्टाम्प बेचते पाई गई थी। दोनों के रजिस्टर जब्त करते हुए लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। बताया जाता है कि जल्द ही लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
इनका कहना है
शिकायत के बाद जांच करने गए थे। सिर्फ एक वेंडर अपनी सीट पर मिला। स्टाम्प बिक्री मेें गड़बडिय़ां की जा रही हैं। अब रोजाना इसकी जांच की जाएगी, ताकि लोगों को परेशानी न हो और आसानी से स्टाम्प मिल सके।
जय सिंह सिकरवार, डिप्टी रजिस्ट्रार

Created On :   28 July 2021 5:17 PM GMT

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