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नवलखा की याचिका पर फैसला सुरक्षित, हाईकोर्ट ने कहा - सिर्फ बम फेंकने वाला आतंकी नहीं, उकसाने वाला भी दोषी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। सिर्फ बम फेकनेवाला ही आतंकी नहीं होता, इसके लिए उकसाने वाले लोग भी आतंकी होते हैं। पुणे के भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा को लेकर पुलिस को मिले दस्तवेज इस मामले में नवलखा की भूमिका की और जांच किए जाने की जरुरत को दर्शाते हैं। बांबे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नवलखा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की और अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। इससे पहले अतिरिक्त सरकारी वकील अरुणा पई ने दावा किया था कि प्रतिबंधित नक्सलवादी संगठन व हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ संबंधो को लेकर जांच के दौरान नवलखा की संदिग्ध भूमिका पायी गई है। जांच के दौरान इस मामले में अन्य आरोपियों के लैपटाप से मिले दस्तावेज नवलखा की संदिग्ध भूमिका को उजागर करते हैं। पुलिस के पास प्रकरण में नवलखा की भूमिका दर्शाने वाले पर्याप्त सबूत हैं। इसलिए नवलखा को गिरफ्तारी को लेकर दी गई अंतरिम राहत को खत्म कर दिया जाए।
वहीं नवलखा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता युग चौधरी ने कहा कि जांच के दौरान पुलिस को मेरे मुवक्किल के नाम से कुछ दस्तावेज मिलने से यह साबित नहीं हो जाता है कि वे आतंकी हैं। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सिर्फ बम फेकनेवाले को ही आतंकी नहीं कह सकते है, उकसाने वाले भी दोषी होते हैं। अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून की धारा 13 के तहत अवैध गतिविधि के लिए उकसाने व उसकी वकालत तथा सलाह देने के लिए भी दंड का प्रावधान किया गया है। पुलिस की ओर से दिए गए कुछ दस्तावेज नवलखा की बेगुनाही को दर्शाते है तो कुछ दस्तावेजों को लेकर और जांच की जरुरत है। हम इस मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे। यह कहते हुए खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। इस दौरान नवलखा ने अपनी याचिका में खुद के खिलाफ दर्ज किए गए मामले को रद्द किए जाने की मांग की है। पुणे पुलिस ने नवलखा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। अदालत ने कहा कि फैसला आने तक नवलखा को गिरफ्तारी से मिली राहत को बरकरार रखा जाए।
Created On :   26 July 2019 2:02 PM GMT