उप-राष्ट्रपति ने युवाओं से भारत की विकास गाथा लिखने में आगे आने का आह्वान किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति सचिवालय उप-राष्ट्रपति ने युवाओं से भारत की विकास गाथा लिखने में आगे आने का आह्वान किया। उप-राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति को तेज करने के लिए भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का पूर्ण रूप से लाभ लेने की आवश्यकता पर बल दिया उप-राष्ट्रपति ने युवाओं से नौकरी ढूंढने वाला नहीं बल्कि नौकरी पैदा करने वाला बनने को कहा उप-राष्ट्रपति ने शिक्षण को रोचक अनुभव वाला बनाने के लिए शिक्षा व्यवस्था में तब्दीली पर ज़ोर दिया उप-राष्ट्रपति ने चेन्नई स्थित राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर लिखी गई तमिल पुस्तक का लोकार्पण किया उन्होंने डॉ कलाम को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी डॉ कलाम ने देश को रक्षा एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की मजबूत नींव रखी। उप राष्ट्रपति अपने भीतर पूर्ण विश्वास की डॉक्टर कलाम की विरासत ने हमें स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए प्रेरित किया। भारत के उप राष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने भारत की विकास गाथा लिखने में युवाओं से आगे रहने का आह्वान किया। आज वह चेन्नई स्थित राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की तमिल में लिखी गई जीवनी के लोकार्पण अवसर पर बोल रहे थे। इस पुस्तक का शीर्षक है "अब्दुल कलाम-निनैवूगलुक्कू मारनामिल्लई", जिसे डॉ कलाम की भांजी डॉक्टर एपीजेएम नजमा मरईकायर और जाने-माने अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉ वाईएस राजन ने लिखा है। तमिल भाषा में इस पुस्तक की रचना के लिए लेखकों की प्रशंसा करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा मातृभाषा में पुस्तकों की रचना अधिक से अधिक संख्या में लोगों तक पहुंचने का सबसे अच्छा तरीका है।
भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए श्री नायडू ने इसका समग्रता में लाभ उठाए जाने का आह्वान किया ताकि कृषि से लेकर विनिर्माण तक सभी क्षेत्रों में प्रगति की रफ्तार को बढ़ाया जा सके और आने वाले वर्षों में एक टिकाऊ विकास दर हासिल की जा सके। देश की 65% आबादी के 35 वर्ष से कम उम्र का और 50% आबादी के 25 वर्ष से कम उम्र का होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐसा समय है जब देश के युवाओं को देश की प्रगति को और गति देने के लिए आगे खड़े होना चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए श्री नायडू ने युवाओं से डॉक्टर कलाम की पुस्तक से प्रेरणा लेने का आह्वान किया और अपने भीतर विश्वास पैदा करने को कहा। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी तलाश करने वालों की बजाय नौकरी देने वाला बनने के बारे में सोचना चाहिए।
प्राथमिक शिक्षा से ही शिक्षण को एक रोचक और दिलचस्प अनुभव बनाने के लिए शिक्षा व्यवस्था को उसके अनुकूल किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों में जिज्ञासु प्रवृत्ति और तार्किक चिंतन की परंपरा विकसित होनी चाहिए। इस दिशा में नई शिक्षा नीति एक बड़ा कदम है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें अकादमिक शिक्षण और अन्य गतिविधियों का सांकेतिक एकीकरण किया गया है ताकि बच्चे का समग्रता में विकास हो सके। पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम के युवाओं के मस्तिष्क को प्रेरित करने के जुनून को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रायः विद्यालयों का दौरा करते थे और छात्रों से बात करते थे। उप राष्ट्रपतिने कहा कि उन्होंने कभी ना भुलाए जा सकने वाले अपने शब्दों, अपनी चुंबकीय उपस्थिति और एक गर्मजोशी वाली मुस्कान से हजारों छात्रों को प्रेरित किया।
समाज की भलाई के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने में पूर्व राष्ट्रपति के दृढ़ विश्वास का उल्लेख करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि वास्तव में हमारे अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव रखने का श्रेय डॉ कलाम को जाता है, जिस बुनियाद पर आज हमारे वैज्ञानिक और इंजीनियर आगे बढ़ रहे हैं।
उप-राष्ट्रपति ने कहा कि अपने भीतर पूर्ण विश्वास की डॉक्टर कलाम की विरासत ने हमारे वैज्ञानिकों को स्वदेशी टीका विकसित करने के लिए प्रेरित किया। यहाँ तक कि चिकित्सा उपकरणों की जहां कुछ दिन पहले तक कमी हुआ करती थी आज हम पीपीई किट्स से लेकर एन95 मास्क और वेंटिलेटर का दुनिया के दूसरे देशों को निर्यात कर रहे हैं। उप राष्ट्रपतिने कोविड-19 टीका विकसित करने के लिए सरकार और वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में वह भी इतनी सस्ती कीमत में टीका विकसित किया जाना “उल्लेखनीय उपलब्धि है”।
Created On :   18 Jan 2021 1:49 PM IST