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मुंबई अधिवेशन में विदर्भ के मुद्दों पर नहीं हो पाई थी चर्चा, दाे साल बाद नागपुर में होगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य विधानमंडल का अधिवेशन दिसंबर में नागपुर में होगा। मानसून अधिवेशन के समापन के दौरान घोषणा की गई। इस घोषणा मात्र से विदर्भ के कई जनप्रतिनिधियोें में उत्साह है। दो साल बाद यह अधिवेशन नागपुर में होने वाला है। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नागपुर में अधिवेशन नहीं होने के कारण मुंबई अधिवेशन में विदर्भ के मुद्दों पर अधिक चर्चा नहीं हो पाई। विदर्भ की विविध समस्याओं का जिक्र तक नहीं किया गया। इस बार अधिवेशन में यहां के मुद्दों को अधिक महत्व मिलेगा. 1960 में नागपुर का विलय महाराष्ट्र में हुआ। उसके बाद यहां साल में कम से कम एक अधिवेशन होता रहा है। लेकिन विविध कारणों से 6 बार यहां विधानमंडल का अधिवेशन नहीं हो पाया। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की सरकार ने यहां शीतसत्र के बजाय मानसून सत्र कराया था। लेकिन महाविकास आघाड़ी के सरकार बनने पर उसका पहला अधिवेशन शीतकाल में नागपुर में हुआ। लेकिन बाद में यहां कोई अधिवेशन नहीं हो पाया। 2020 में कोविड संक्रमण और 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण यहां अधिवेशन नहीं कराया गया था। इस बीच नागपुर में बजट अधिवेशन कराने की मांग की जाती रही, लेकिन घोषणा के बाद भी यहां अधिवेशन नहीं हो पाया था। इससे पहले 1962 में भारत चीन युद्ध, 1963 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मारोतराव कन्नमवार की मृत्यु के कारण नागपुर में अधिवेशन नहीं हो पाया था। 1979 में लोकसभा चुनाव की घोषणा व 1985 में कांग्रेस के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम के कारण नागपुर में अधिवेशन टला था।
फडणवीस का आश्वासन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि इस बार राज्य विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन नागपुर में ही होगा। उनका आश्वासन पूरा किया जा रहा है। फिलहाल निकाय चुनावों की तैयारी पर प्रशासन का फोकस रहेगा। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कभी भी हो सकती है। माना जा रहा है कि दीपावली तक चुनाव हो सकते हैं। उसके बाद अधिवेशन की तैयारी में प्रशासन जुटेगा।
Created On :   28 Aug 2022 6:58 PM IST