गोवा चुनाव में विदर्भ के कार्यकर्ताओं को मिल रही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

Vidarbhas political workers getting important responsibility in Goa elections
गोवा चुनाव में विदर्भ के कार्यकर्ताओं को मिल रही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
भाजपा झोकेगी ताकत गोवा चुनाव में विदर्भ के कार्यकर्ताओं को मिल रही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गोवा विधानसभा के चुनाव में संगठनात्मक कार्य करने के लिए विदर्भ के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी। अक्सर अन्य राज्यों के चुनावों मेें नेताओं को बुलाया जाता है। लेकिन इस बार कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर कार्य करने का मौका मिलेगा। राजनीतिक सूत्र के अनुसार यह चुनाव भले ही गोवा में हो रहा है लेकिन महाराष्ट्र भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को गोवा चुनाव के लिए भाजपा ने प्रभारी नियुक्त किया है। लिहाजा तय है चुनाव नियोजन में मुख्य भूमिका फडणवीस की रहेगी। बिहार के चुनाव में भी फडणवीस को प्रभारी नियुक्त किया गया था। वहां भाजपा गठबंधन की सरकार बनी। लेकिन भाजपा की चुनावी सफलता का अधिक श्रेय फडणवीस को नहीं मिल पाया। दरअसल बिहार चुनाव के समय ही कोविड संक्रमित होने के कारण फडणवीस को मुंबई लौटना पड़ा था। वे बिहार के चुनाव में अधिक समय तक कार्य नहीं कर पाए थे। बताया जा रहा है कि गोवा चुनाव में भाजपा को सफलता दिलाने के लिए फडणवीस विशेष रणनीति के तहत कार्य कर रहे हैं। वहां महाराष्ट्र के 50 से अधिक भाजपा विधायक चुनाव कार्य के लिए जाएंगे। इनके अलावा कुछ पूर्व मंत्री भी होंगे। फडणवीस ने प्रदेश स्तर से कुछ खास कार्यकर्ताओं की सूची भी बनवायी है। उन्हें अलग अलग विधानसभा क्षेत्र में भेजा जाएगा। उन कार्यकर्ताओं में नागपुर से 5 से 6 नगरसेवकों के नाम शामिल हैं। साथ ही संगठन कार्य में योगदान देनेवाले कुछ नए पुराने कार्यकर्ताओं को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए बुलाया जा रहा है। भंडारा के सांसद सुनील फुंडे, पूर्व मंत्री रणजीति पाटील, पूर्व मंत्री प्रवीण पोटे जैसे नेताओं को कार्यकर्ताओं का नेतृत्व दिया जाएगा। चुनाव कार्यक्षेत्र में कार्यकर्ता ही आगे रहेंगे। कांग्रेस में भी कुछ कार्यकर्ताओं को तैयार रहने को कहा गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रदेश स्तर पर नए पुराने कार्यकर्ताओं को विशेष तौर से प्रोत्साहित किया है। प्रदेश कार्यकारिणी में नागपुर के कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक है। इसके अलावा महत्वपूर्ण प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी भी यहां के कार्यकर्ता संभाल रहे हैं। उमाकांत अग्निहोत्री, अतुल लोंढे, अतुल कोटेचा से लेकर अन्य ऐसे कुछ पदाधिकारियों को गोवा भेजने की तैयारी चल रही है जो नई ऊर्जा के साथ संगठन कार्य में योगदान देने का दावा कर रहे हैं। शिवसेना के पास मुंबई व कोंकण क्षेत्र में ही नेता, कार्यकर्ता की संख्या अधिक है। लिहाजा विदर्भ से कार्यकर्ताओं को अधिक संख्या में बुलाने की संभावना नहीं है। लेकिन कुछ सीटाें के लिए विशेष तौर से यहां के कार्यकर्ताओं को बुलाया जा सकता है। बीते दिनों दादर नगर हवेली में लोकसभा उपचुनाव हुआ था। उसमें शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत, सांसद अनिल देसाई के साथ नागपुर से सुरेश साखरे को भी मंच साझा करने का मौका दिया गया था। साखरे बसपा के प्रदेश अध्यक्ष व गोवा क्षेत्र के प्रभारी रहे हैं। लिहाजा ऐसे कार्यकर्ताओं को वहां चुनाव कार्य के लिए भेजा जा सकता है। गोवा में विधानसभा की 40 सीटाें के लिए 14 फरवरी 2022 को मतदान होगा।


 

Created On :   16 Jan 2022 7:46 PM IST

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