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गांव की महिलाओं ने बनाया पैडल पंप, सिंचाई कार्य में होगी सुविधा

डिजिटल डेस्क, वर्धा। शहर से 10 कि मी दूर रोठा गांव की महिलाएं कुएं से पानी निकालने के लिए पैडल पंप का निर्माण कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में जु़टीं हुई हैं। वर्धा शहर से करीब 10 किमी दूर रोठा गांव में तेजस्विनी ग्राम सेवा संघ नामक एक एनजीओ गांव की महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। संस्था में कार्यरत महिलाएं पैडल पंप बनाकर आर्थिक स्वावलंबन की तरफ अग्रसर हैं।
सात महिलाओं ने लिया पहले प्रशिक्षण
संस्था अध्यक्ष जया वाडनकर, सचिव किरण मुनकर और सीआरपी सुनीत उलके तथा गांव की ही 7 अन्य महिला सदस्य ने मिलकर इसे बनाया है। इन महिलाओं द्वारा निर्मित पैडल पंप से एक घंटे में 30 मीटर गहराई से 2 हजार लीटर पानी निकाला जा सकता है। महिलाओं ने पंप बनाने की विधि चार माह पहले वर्धा में ही रहने वालेे देवकुमार के मार्गदर्शन में एक दिवसीय प्रशिक्षण यवतमाल जिले में लेकर पंप बनाना सीखा। प्रशिक्षण के उपरांत चार माह के अंदर सभी महिलाओं ने मिलकर 73 पंप बनाए जिसकी कीमत 4950 रुपए निर्धारित की गई है और दो साल की वारंटी भी दी जा रही है।
अन्य राज्यों में भी है मांग
बनाए गए 73 में पंप में से 72 पंप राजस्थान,बिहार, छत्तीसगढ़ और गोंदिया में बेचा दिया गया। इसके बाद देश के तमाम राज्यों से 1 हजार पंप की मां की गई है। एक महिला एक पंप को 3 दिन में तैयार कर देती है। पैडल पंप बनाने की समस्त कच्ची समाग्री देवकुमार उपलब्ध करवाते हैं जिससे सभी महिलाएं मिलकर पंप बनाने का कार्य करती हैं। पंप बनने के बाद देवकुमार उस पंप को बेचते हैं और एक पंप पर एक महिला को 300 रुपए देते हैं। सभी महिलाएं महीने करीब 15 दिन पंप बनाने के कार्य करती हैं बाकि के 15 दिन वे खेतों में मजदूरी या खुद की खेती संभालती हैं। पंप बनाने से वे महीने में 2 से ढाई हजार रुपए कमा लेती हैं। ये सभी महिलाएं अपने घर का काम निपटाने के बाद दिन के 11 बजे से शाम के 5 बजे तक पंप बनाने का कार्य करती हैं।
इंकम का करेंगे बंटवारा
आगे चलकर तेजस्वीनी संस्था की महिलाएं पंप बनाने की कच्ची समाग्री का प्रंबंध खुद करेंगी और उससे प्राप्त होने होने लाभ को सभी महिलाओं में कार्यक्षमता के अनुसार विभाजित किया जाएगा। इसे बनाने का प्रशिक्षण कोई भी महिला ले सकती है। इस कार्य नियम व शर्तों तो पूर्ण मुक्त है इसमें किसी भी प्रकार की कोई पाबंदी भी नहीं हैं। महीने में जितने दिन और जब भी खाली समय मिले कोई भी महिला आकर पंप बना सकती है और अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकती है।
पैडल पंप किसानों के लिए बहुत उपयोगी है।
बिजली बचत के भी हैं फायदे
खास तौर पर वहां जहां कुएं, तालाब, नदी,न हर आदि के पानी का उपयोग खेत की सिंचाई आदि के लिए किया जाता है। यह पंप पैर से चलाया जाता है। इसके उपयोग से बिजली की बचत होती है और अन्य किसी भी प्रकार का खर्च नहीं आता है। इससे एक घंटे में 2 हजार लीटर पानी 30 फीट की गहराई से निकाला जा सकता है या नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे लाया जा सकता है। इससे एक दिन में एक एकड़ खेत की सिंचाई की जा सकती है। इसमें किसी भी प्रकार का कोई ईंधन खर्च करने की जरूरत नहीं है। इस पंप में अगर कुछ खराबी आती है तो इसे बनाने वाली महिलाएं खुद इसे बिना कोई कीमत लिए सही करती हैं। यह मशीन करीब 20 से 25 वर्ष खराब भी नहीं होगी। इसकी वारंटी दो वर्ष की है।
Created On :   13 March 2018 4:00 PM IST