ग्रामीणों ने नहीं होने दिया पैतृक गांव में अंतिम संस्कार

Villagers not let to do the funeral in the native village in chhindwara
ग्रामीणों ने नहीं होने दिया पैतृक गांव में अंतिम संस्कार
ग्रामीणों ने नहीं होने दिया पैतृक गांव में अंतिम संस्कार

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के मेल मेडिकल वार्ड में भर्ती गणेश पाटिल की मंगलवार रात मौत हो गई। उसके परिजनों की इच्छा थी कि उसका अंतिम संस्कार पैतृक गांव कपरवाड़ी में हो, लेकिन गांव में चल रहे धार्मिक आयोजन की वजह से ग्रामीणों ने दाह संस्कार से इनकार कर दिया। जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर बुधवार सुबह मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के बीच माहौल गर्मा गया।

मृतक की पत्नी सरस्वती बाई ने बताया कि परिवार के भरण पोषण के लिए गणेश शहर में रह रहा था। बीमारी की वजह से मंगलवार रात गणेश की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। कपरवाड़ी के लोग उसके पति का दाह संस्कार गांव में नहीं करने दे रहे हैं। गांव में धार्मिक आयोजन होने की वजह से ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। 

रातभर अस्पताल में रखा रहा शव 
मंगलवार रात गणेश की मौत के बाद परिजन उसका शव कपरवाड़ी ले जाने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान ग्रामीणों को पता चला कि शव गांव लाया जा रहा है तो ग्रामीणों ने गांव में अंतिम संस्कार के लिए इनकार कर दिया। इस वजह से गणेश का शव जिला अस्पताल के शव गृह में रखा रहा। 

चांदामेटा में किया दाह संस्कार 
बताया जा रहा है कि मृतक की पत्नी की गुहार के बाद भी ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार गांव में नहीं करने दिया। आखिरकार बुधवार को परिजनों ने चांदामेटा में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के घर शव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कराया। बीमारी की वजह से मंगलवार रात गणेश की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई। कपरवाड़ी के लोग उसके पति का दाह संस्कार गांव में नहीं करने दे रहे हैं। 

क्या कहते हैं अधिकारी 
मृतक के परिजनों द्वारा शिकायत नहीं की गई है। यदि परिजन शिकायत करते है तो जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। 
- नीरज सोनी, एएसपी

 

Created On :   10 May 2018 1:35 PM IST

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