अमरावती में विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस और शिवसेना प्रत्याशी को छोड़कर अन्य प्रत्याशियों को राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज और संत गाडगेबाबा की याद नहीं आई। आदर्श आचार संहिता लगने के पूर्व चुनाव प्रचार का शंखनाद भाजपा ने 1 अगस्त को महाजनादेश यात्रा निकालकर राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज की पावनभूमि गुरुकुंज मोझरी से किया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और राज्य के कई मंत्री शामिल हुए थे। भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस ने भी अमरावती के संत गाडगे बाबा मंदिर से पोलखोल यात्रा का शुभारंभ 26 अगस्त को किया था। इस यात्रा में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष बालासाहब थोरात, चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख पूर्व सांसद नाना पटोले, कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव आशीष दुवा, पूर्व उपसभापति माणिकराव ठाकरे शामिल हुए थे। गुरुदेव सेवा मंडल के अध्यक्ष जनार्दन पंत बोथे के अनुसार केवल तिवसा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहीं कांग्रेस प्रत्याशी एड. यशोमति ठाकुर और शिवसेना उम्मीदवार राजेश वानखडे ने अपने प्रचार की शुरुआत यहां से की। यह बात और है कि दोनों प्रत्याशी इसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।
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विनोबा भावे के अनुयायियों ने कभी नहीं किया मतदान, नहीं पहुंचा कोई प्रत्याशी

डिजिटल डेस्क, वर्धा। देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में मतदाताओं की अहम भूमिका होती है, पवनार स्थित आचार्य विनोबा भावे आश्रम चुनाव से दूर रहा है। आश्रम में रहने वाले विनोबा भावे के अनुयायियों ने न कभी मतदान किया और न ही कभी किसी चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया। विधानसभा का कोई प्रत्याशी भी अभी तक प्रचार के लिए आश्रम में नहीं आया। वर्धा शहर से लगभग 9 कि.मी. दूरी पर पवनार गांव स्थित धाम नदी के किनारे आचार्य विनोबा भावे का आश्रम है। भूदान आंदोलन के प्रणेता विनोबा भावे ने वर्ष 1934 में इस आश्रम का निर्माण करवाया था। यह आश्रम आज भी विनोबा के विचारों पर चलता है। आश्रम में लगभग 28 अनुयायी हैं और सभी के मतदाता पहचान-पत्र भी बने हुए हैं। बावजूद इसके विनोबा के अनुयायियों ने कभी न किसी चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया और न ही अब तक किसी प्रत्याशी को अपना वोट दिया। आश्रम की सुबह प्रार्थना के साथ होती है और आज भी श्रम आधारित खेती की जाती है। आचार्य विनोबा भावे के आश्रम को देखने देश-विदेश से नागरिक आते हैं।। पवनार आश्रम वर्धा विधानसभा क्षेत्र में आता है और यहां से भाजपा-शिवसेना रिपाई युति के डा. पंकज भोयर तथा कांग्रेस- राकांपा-गठबंधन के शेखर प्रमोद शेंडे सहित 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। चार दिन बाद विधानसभा चुनाव है। चुनाव प्रचार भी चरम पर है, लेकिन अभी तक कोई प्रत्याशी प्रचार के लिए आश्रम में नहीं आया है।

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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।