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जंगल में घुसकर मुरुम के लिए खोद रहे पहाड़

डिजिटल डेस्क, हिंगना। विकास के नाम पर नियमों को ताक पर रखकर समृद्धि महामार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। सरकारी यंत्रणा कार्रवाई करने के बजाय अपना निजी स्वार्थ साध कर चुप्पी साधे बैठे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता और वन्य प्राणियों को भुगतना पड़ेगा। समृद्धि महामार्ग का निर्माण कार्य करने वाली मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ली. कंपनी द्वारा नियमों का उलंघन कर मुरुम उत्खनन किया जा रहा है। बड़ी-बड़ी पहाड़ियों को काट कर गड्ढे किए जा रहे हैं, जो वन्य प्राणियों के लिए जानलेवा है।
वन्य प्राणियों को खतरा
मेघा कंपनी द्वारा बुटीबोरी वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले करीब 22 गांव में 74 जगह पर मुरुम उत्खनन किया गया है, जिसमें से अधिकतर क्षेत्र से जंगली क्षेत्र लगा हुआ है। खोदी गई इन खदानों में गहरे गड्ढे होने से और तार कंपाउंड नहीं होने की वजह से इस जगह गिरकर वन्य प्राणियों की मौत हो सकती है। मौजा घोड़ेघाट में समृद्धि महामार्ग से लगकर ही 100 फीट से अधिक ऊंची पहाड़ी को खोदा गया है। जहां तार कंपाउंड भी नहीं किया गया है।
वन क्षेत्र से लगी हुई निजी जमीन पर खुदाई करने के लिए वन विभाग की अनुमति ली जाती है। जिसमें यह साफ कहा जाता है कि वन विभाग की जमीन से 7 मीटर की दूरी से खुदाई कार्य करना होगा। पूरे क्षेत्र को तार कंपाउंड करना अनिवार्य है। काम करने का सूचना फलक लगाना चाहिए, लेकिन मेघा कंपनी ने जंगल से लगी खदानों में खुदाई करते समय इन नियमों का पालन नहीं किया है। कुछ जगह तो 7 मीटर जगह छोड़ना तो दूर वन विभाग की जमीन पर भी मुरुम उत्खनन किए जाने की जानकारी मिली है। कहीं पर भी खदानों की सीमा पर तार कंपाउंड नहीं किया गया है, जो रास्ते पर खोदी गई कुछ खदानों में देखने को मिलता है। सूचना फलक भी कहीं नजर नहीं आता। जिसकी वजह से वन्य प्राणियों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।
डॉ. भरत सिंह हाडा, उप वनसरक्षक, प्रादेशिक के मुातबिक अगर वन विभाग के नियमों का उलंघन किया गया होगा, तो वन अधिनियम के तहत निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
Created On :   15 Dec 2021 7:27 PM IST