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वायरल का कहर... 40 बेड की क्षमता वाले बच्चा वार्ड में 75 मरीज भती

छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल इन दिनों वायरल और डायरिया के पेशेंट से भरा हुआ है। मरीजों की संख्या बढऩे से वार्डों की व्यवस्थाएं लडखड़़ा गई है। सबसे दयनीय स्थिति बच्चा वार्ड की है। 40 बेड वाले इस वार्ड में 75 पेशेंट भर्ती है। 35 बीमार बच्चों को फर्श पर गद्दे डालकर भर्ती किया गया है। फर्श पर लिटाकर मरीजों को इलाज दिया जा रहा है।
इस वार्ड की दूसरी बड़ी समस्या यह है कि यहां सिर्फ सात स्टाफ नर्स कार्यरत है, जबकि इस वार्ड में दस स्टाफ नर्स होना चाहिए। स्टाफ की कमी के चलते व्यवस्थाएं बदहाल है। ऐसे में रोजाना ही पेशेंट के परिजन स्टाफ से विवाद कर अभद्रता कर रहे हैं। स्टाफ नर्स भी रोजाना के विवाद से खासी परेशान है। चौथी मंजिल पर अतिरिक्त वार्ड की व्यवस्था का निर्णय लिया गया था, लेकिन अभी तक वार्ड शुरू नहीं हो सका है।
हर दूसरे घर में वायरल पेशेंट
मौसम में बदलाव का असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इन दिनों तेज बुखार, सर्दी-खांसी, शरीर दर्द, सिरदर्द के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वायरल के अलावा डायरिया पेशेंट भी बढ़े है। इस मौसम में यह कहा जा सकता है कि लगभग हर दूसरे घर में वायरल पेशेंट है।
वायरल पेशेंट बच्चों को न भेजें स्कूल
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.पवन नांदुलकर ने बताया कि वायरल मरीजों में बच्चों की संख्या अधिक है। अभिभावक वायरल से जूझ रहे बच्चों को स्कूल न भेजें। वायरल पेशेंट बच्चों के संपर्क में आने से सामान्य बच्चे भी संक्रमित हो सकते है।
मेल और फीमेल वार्ड भी फुल
मेडिकल विशेषज्ञ डॉ.शशिकांत आर्य ने बताया कि मौसमी बीमारियों से सिर्फ बच्चे ही नहीं बड़े भी प्रभावित है। तेज बुखार, हाथ पैरों में जकडऩ, शरीर दर्द, कमजोरी और उल्टियां होने जैसी समस्याओं से पीडि़त मरीजों से फीमेल और मेल ओपीडी फुल है।
यह लक्षण हो सकते हैं गंभीर...
- 104 डिग्री तक बुखार लगातार बने रहना।
- बुखार के साथ उल्टी होना।
- बच्चों में सुस्ती आना या बेहोशी आना।
- तेज बुखार के साथ झटके आना।
- शरीर में लाल चकते या दाने आना।
Created On :   7 Aug 2022 11:36 PM IST