ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में बढ़ी वेटिंग, 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने यूनिवर्सिटी कर रहा विचार

Waiting increased in graduation courses, university planning to increase 20% seats
ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में बढ़ी वेटिंग, 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने यूनिवर्सिटी कर रहा विचार
ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में बढ़ी वेटिंग, 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने यूनिवर्सिटी कर रहा विचार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने संलग्नित कॉलेजों के ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने की तैयारी की है। नागपुर शहर में विविध ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया जारी है। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के  कॉमन एडमिशन शेड्यूल के तहत विविध ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिए जा रहे हैं।

सत्र की शुरुआत से पहले मई में नागपुर विश्वविद्यालय ने नागपुर शहर और ग्रामीण के करीब 100 से अधिक कॉलेजों में पर्याप्त शिक्षक व अन्य सुविधाएं नहीं होने से प्रथम वर्ष के प्रवेश प्रतिबंधित कर दिए हैं। यही कारण है कि, अधिकांश नामी-गिरामी कॉलेजों में अभी से सीटें फुल होकर डेढ़ हजार के करीब विद्यार्थी वेटिंग लिस्ट में हैं। विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सीटें बढ़ाने का अनुरोध यूनिवर्सिटी से किया गया है।

कालेज नहीं ले रहे कोई रूचि
हाल ही में राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस ने जगदीश पंचबुधे और जिलाध्यक्ष राहुल कांबले के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यूनिवर्सिटी कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे से बी.एस.सी, बी.कॉम जैसे विविध पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाने का अनुरोध किया था। विद्यार्थियों की लंबी वेटिंग लिस्ट देखते हुए नागपुर यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों के प्रस्ताव आने पर उन्हें 20 प्रतिशत सीटें बढ़ा कर देने की तैयारी कर रखी है। एक ओर जहां नागपुर विवि स्वयं कॉलेजों को सीटें बढ़ाकर देने को तैयार है, वहीं अधिकांश नामी कॉलेज प्रवेश हाउसफुल होने के बाद भी सीटें बढ़ाने को लेकर कोई विशेष रूचि नहीं लेते नजर आ रहे हैं।

दरअसल प्रवेश क्षमता बढ़ाने के बाद कॉलेजों को शिक्षक भर्ती और विविध सुविधाएं भी उपलब्ध करानी पड़ती है। ऐसे में प्रवेश क्षमता बढ़ा लेने के बाद जरूरी नियमों को पूरा करना मुश्किल होता है। इसी कारण अनेक कॉलेज सीटें बढ़ाने को लेकर उत्साहित नहीं है, लेकिन यह हाल केवल शहर के टॉप 5 कॉलेजों का है। यूनिवर्सिटी ने बीते दिनों जिन कॉलेजों में प्रवेश प्रतिबंधित किए, उनमें अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेज हैं।

Created On :   9 July 2018 1:04 PM IST

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