मराठा आरक्षण को लेकर पाटील और चव्हाण में छिड़ी जुबानी जंग 

War of words between Chandrakant Patil and Ashok Chavan on Maratha reservation
मराठा आरक्षण को लेकर पाटील और चव्हाण में छिड़ी जुबानी जंग 
मराठा आरक्षण को लेकर पाटील और चव्हाण में छिड़ी जुबानी जंग 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर से राजनीति गरमाने के आसार हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल की भूमिका को लेकर राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री तथा मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में चव्हाण ने पलटवार करते हुए कहा कि पाटीलझूठ बोल कर मराठा समाज को भ्रमित कर रहे हैं। 

मंगलवार को कोल्हापुर में पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि मंत्री चव्हाण ने कहा है कि102 वें संविधान संशोधन के बाद राज्य सरकार को जाति आधार अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का अधिकार नहीं है। चव्हाण महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों, राज्यपाल और बाम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर आपत्ति जता रहे हैं। चव्हाण हाईकोर्ट की अवमानना कर रहे हैं। उनके खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल होनी चाहिए। पाटील ने कहा कि चव्हाण कह रहे हैं कि केंद्र सरकार के अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि 102 वें संविधान संशोधन के बाद महाराष्ट्र को आरक्षण देने का अधिकार नहीं है। लेकिन वेणुगोपाल ने केवल इतना कहा था कि 102 वें संविधान संशोधन के बाद आरक्षण दिया जा सकता है अथवा नहीं, इस बारे में चर्चा होनी चाहिए।

पाटील ने कहा कि वेणुगोपाल ने कभी नहीं कहा कि महाराष्ट्र को मराठा समाज को आरक्षण देने का अधिकार नहीं है पर  चव्हाण इस मामले में झूठ बोल रहे हैं। पाटील ने कहा किबाम्बेहाईकोर्ट ने मुहर लगाई है कि 102 वें संविधान संशोधन के बाद भी प्रदेश सरकार को अपने समाज के लोगों को आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे के आधार पर पिछड़ा घोषित कर आरक्षण देने का अधिकार है। पाटील ने कहा कि चव्हाण के बयान का मतलब यह है कि विधानमंडल में मराठा आरक्षण विधेयक को पारित करने वाले विधायकों को मालूम नहीं था कि संविधान संशोधन के बाद राज्य को आरक्षण देने का अधिकार नहीं है। तत्कालीन राज्यपाल को भी नहीं मालूम था कि संविधान संशोधन के बाद आरक्षण नहीं दिया जा सकता। 

मराठा समाज को भ्रमित कर रहे पाटीलः चव्हाण

इसके जवाब में प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री चव्हाण ने कहा कि पाटील का बयान साफ झूठ है। वे मराठा समाज को भ्रमित कर रहे हैं। चव्हाण ने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा है कि 102 वें संविधान संशोधन के बाद राज्य सरकार को मराठा आरक्षण देने का अधिकार नहीं है। मैंने जो बयान दिया है वह महाराष्ट्र विधानमंडल के रिकार्ड में है। चव्हाण ने कहा कि मैंने सदन में वही बताया है जो अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था। वेणुगोपाल ने अदालत में कहा था कि 102 वें संविधान संशोधन के बाद राज्यों के पास पिछड़ा वर्ग का आरक्षण देने का अधिकार अब बचा नहीं है। चव्हाण ने कहा कि वेणुगोपाल ने अदालत में जो कहा था कि यह मैं पाटील को दिखा सकता हूं। इसलिए उन्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए। चव्हाण ने कहा कि 102 वां संविधान संशोधन मराठा आरक्षण के लिए लागू नहीं होता है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार की यह भूमिका रहेगी। सरकार नेमराठा आरक्षण कानून और नियमों के अनुसार दिया है। हमें अटार्नी जनरल वेणुगोपाल की भूमिका मंजूर नहीं है। चव्हाण ने कहा कि अटार्नी जनरल अदालत में कुछ कहते हैं और प्रदेश भाजपा के नेता दूसरा कुछ कहते हैं। मराठा आरक्षण राजनीति का विषय नहीं है। इसलिए भाजपा के लोगों की भावनाओं से नहीं खेलना चाहिए। 

एक और मंत्री का होगा इस्तीफा- पाटील 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पाटील ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के एक मंत्री संजय राठोड का इस्तीफा हो चुका है। ऐसी स्थिति बन रही किदूसरे मंत्री का इस्तीफा कभी भी हो सकता है। दूसरे मंत्री का इस्तीफा बुधवार तक होना चाहिए। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे के सवाल पर पाटील ने कहा कि मुझे उनके बारे में नहीं पता लेकिन मंगलवार देर रात तक एक मंत्री इस्तीफा देंगे। पाटील ने कहा कि निलंबित पुलिस अफसर सचिन वाझे के मामले में मंगलवार देर रात तक कई महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी।
 

Created On :   16 March 2021 3:19 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story