वर्धा के जिलाधिकारी को कोर्ट ने फटकारा, मूल फैसले पर दिए थे सुधार के निर्देश

Wardha District Magistrate rebuked by the court, Court gave instructions for improvement on the original verdict
वर्धा के जिलाधिकारी को कोर्ट ने फटकारा, मूल फैसले पर दिए थे सुधार के निर्देश
वर्धा के जिलाधिकारी को कोर्ट ने फटकारा, मूल फैसले पर दिए थे सुधार के निर्देश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्धा के सेवाग्राम में 28 और 29 नवंबर को सर्व सेवा संघ के अधिवेशन में करीब 200 लोग की अनुमति देकर वर्धा जिलाधिकारी बुरे फंसे। अब उन्होंने अपने इस आदेश में परिवर्तन करके 200 की जगह सिर्फ 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में जैसा शपथ-पत्र हाईकोर्ट में दिया, उसे पढ़ कर कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर की। 

अदालत ने मूल फैसले पर सुधार के निर्देश दिए थे 

दरअसल, 25 नवंबर को हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी के मूल फैसले पर आश्चर्य जताते हुए सुधार के आदेश दिए थे। अपने सुधारित आदेश में जिलाधिकारी ने यह तर्क दिया कि सर्व सेवा संघ की नई विनती पर उन्होंने अपने आदेश में परिवर्तन किया, लेकिन शपथ-पत्र में उन्होंने न तो मूल फैसले को अपनी भूल मानी और न ही इसके लिए किसी प्रकार की माफी मांगी। उनके इस रवैये पर न्या.सुनील शुक्रे और न्या.अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने नाराजगी जाहिर की।

सुधार लाएं अधिकारी 

मौखिक टिप्पणी में कहा कि जिलाधिकारी यह याद रखें कि वे प्रशासनिक सेवा जैसे प्रतिष्ठित पेशे में हैं। इसकी प्रतिष्ठा कायम रखने के लिए उन्हें अपने बर्ताव और कार्यशैली मंे सुधार लाने की जरुरत है। जिलाधिकारी के शपथ-पत्र से तो यह लगता है कि उनमें बहुत ज्यादा अभिमान है और ऐसे अधिकारी सिर्फ सख्ती की भाषा समझते हैं। यदि आप अपने नाम के आगे आईएएस का टैग लगाना चाहते हैं तो आपको इस टैग के साथ न्याय भी करना होगा। यदि अपनी भूल सुधारने की जगह जिलाधिकारी अकड़ दिखाएंगे तो इसका उनके करियर पर बुरा प्रभाव होगा। जिलाधिकारी को सावधानी के साथ आगे बढ़ने की जरुरत है। 

Created On :   28 Nov 2020 4:23 PM IST

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