RTE एडमिशन के बहिष्कार की चेतावनी, सरकार पर अनुदान के 86 करोड़ 44 लाख  बकाया

Warning of boycott of RTE admission, 86 crores subsidy balance
RTE एडमिशन के बहिष्कार की चेतावनी, सरकार पर अनुदान के 86 करोड़ 44 लाख  बकाया
RTE एडमिशन के बहिष्कार की चेतावनी, सरकार पर अनुदान के 86 करोड़ 44 लाख  बकाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। RTE अनुदान का मामला अधर में अटकने से  एसोसिएशन ने RTE का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है। बता दें कि नागपुर जिले में अंग्रजी स्कूलों में आरटीई कोटे से भरी गई सीटों का सरकार पर 86 करोड़, 44 लाख, 56 हजार रुपए अनुदान बकाया है। संपूर्ण महाराष्ट्र के स्कूलों के बकाया का आंकड़ा 650 करोड़ के पार बताया गया है। सन 2012 से 2017 तक प्रवेश दिए गए विद्यार्थियों का अनुदान सरकार ने फूटी कौड़ी नहीं दी है। प्रवेश के लिए सख्ती कर अनुदान अदा नहीं किए जाने से आगामी शैक्षणिक सत्र में आरटीई अंतर्गत प्रवेश पर बहिष्कार करने की चेतावनी महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टी एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष संजय तायड़े ने दी।
गरीब विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए अंग्रेजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरटीई अंतर्गत भरने की सरकार द्वारा नीति बनाई गई। शैक्षणिक सत्र 2012 से इसे लागू किया गया। शिक्षा विभाग की ओर से चयन किए गए विद्यार्थियों को अंग्रेजी स्कूलों में प्रवेश दिए गए। जिन स्कूलों ने इसका विरोध किया, उनकी मान्यता रद्द करने की धमकी सरकार देती रही। सरकार के दबाव में आकर अधिकांश स्कूलों ने विद्यार्थियों को प्रवेश दिया। इन विद्यार्थियों का अनुदान सरकार द्वारा अदा किया जाना था, परंतु सन 2012 से 2017 तक प्रवेश दिए गए लाखों विद्यार्थियों का अनुदान सरकार ने स्कूलों को अदा नहीं किया। यह अनुदान चालू शैक्षणिक सत्र में 86 करोड़, 44 लाख 56 हजार पर पहुंच गया है। स्कूलों को अनुदान अदा करने का मामला अधर में लटका हुआ है। अब महाराष्ट्र इंग्लिश स्कूल ट्रस्टी एसोसिएशन ने अनुदान की अदायगी नहीं होने पर आगामी शैक्षणिक सत्र में आरटीई प्रवेश का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
यह भी मांगें हैं
प्राकृतिक कक्षा वृद्धि तथा गुणवत्ता वृद्धि का प्रस्ताव तत्काल मंजूर करने।
आरटीई जिला शिकायत निवारण समिति स्थापित कर संगठन को प्रतिनिधित्व दें।
व्यावसायिक दर से बिजली, पानी तथा मालमत्ता कर वसूली बंद करें।
ऑन लाइन कामों से छूट।
अंग्रेजी स्कूलों के लिए स्वतंत्र कानून बनाया जाए।
स्कूल बस, वैन पर लगाया गया अतिरिक्त कर रद्द करें।
किताबें, गणवेश और पोषण आहार की आपूर्ति करें।
रिक्त आरटीई सीटों को भरने की अनुमति दें।
शिक्षकों को आरटीई की तर्ज पर 25 प्रतिशत वेतन।
नियमित शिक्षकों को बीमा संरक्षण तथा न्यूनतम पेंशन।
 

Created On :   15 Dec 2017 4:18 PM IST

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