गांव को जलमग्न बनाने कर रहे श्रमदान

Water Foundations campaign is being performed in the district
गांव को जलमग्न बनाने कर रहे श्रमदान
गांव को जलमग्न बनाने कर रहे श्रमदान

डिजिटल डेस्क, वर्धा।  पानी फाउंडेशन का अभियान रंग लाने लगा है। गांव-गांव में लोग इससे जुड़ते दिख रहे हैं। पानी फाउंडेशन के जलसंधारण अभियान के लिए जिले के अलग-अलग तहसीलों में श्रमदान किया जा रहा है। कारंजा तहसील के भिवापुर हेटी गांव को जलमय करने का संकल्प लेकर हेल्पिंग हार्ट चेरिटेबल ट्रस्ट ने गांव में श्रमदान किया। इसके अलावा कन्नवार ग्राम में भी श्रमदान किया गया। इस गांव में एक कुएं के अलावा अन्य दूसरा कोई भी जलस्त्रोत नहीं है। कुएं का पानी सूखने के बाद ग्रामवासियों को दूसरे गांव पर निर्भर रहना पड़ता है। "जल है तो कल है इस घोषणा के तहत हेल्पिंग हार्ट की ओर से भिवापुर, हेटी व कन्नवार ग्राम में श्रमदान किया गया। इसमें हेल्पिंग हार्ट की अध्यक्ष सोनाली श्रवणे, नीता जानी, योगिता मानकर, विजया अड्यालकर, शीतल कुबडे, अश्विनी घाटे, तमन्ना, स्मिता बढिय़े, अर्चना झालटे, राजेश चौबे, विशाल गाडगे ने श्रमदान किया। 

स्पीड पकड़ रहा अभियान 
उल्लेखनीय है कि  वाटर कप स्पर्धा अंतर्गत पहले दो वर्षों में लगभग 1500 गांवों ने वाटर कप में भाग लिया और 10000 करोड़ लीटर जल की भंडारण क्षमता बनाई। प्रतिस्पर्धा के इस तीसरे वर्ष में महाराष्ट्र के 24 जिलों के 75 तहसीलों के लगभग 4000 गांव भाग ले रहे हैं। राज्य स्तर पर शीर्ष तीन पुरस्कार 75 लाख रुपए, 50 लाख रुपए, और 40 लाख रुपए के हैं। प्रत्येक तहसील के शीर्ष गांव को 10 लाख रुपए का पुरस्कार मिलता है। इस वर्ष यह प्रतियोगिता 8 अप्रैल से 22 मई तक चलेगी। आंदोलन तेजी से बढ़ा है और पिछले दो वर्षों में शहरों के हजारों लोगों ने इस प्रयास में योगदान देने की इच्छा जताई है। इस कार्य में लोगों द्वारा विभिन्न तरीकों से सहयोग के लिए पानी फाउंडेशन ने "जलमित्र" नामक पहल की है, जिसे 22 मार्च को विश्व जल दिवस पर लॉन्च किया गया था। जलमित्र.पानी फाउंडेशन.इन लिंक पर साइन-अप कर दुनिया का कोई भी व्यक्ति जलमित्र बन सकता है। 

 

Created On :   25 April 2018 3:45 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story