नागपुर की 12 तहसीलों का भू-जल स्तर ‘माइनस’ में, 5 सालों में सबसे कम पानी

Water level becomes lowest in 12 tehsils of Nagpur last 5 year
नागपुर की 12 तहसीलों का भू-जल स्तर ‘माइनस’ में, 5 सालों में सबसे कम पानी
नागपुर की 12 तहसीलों का भू-जल स्तर ‘माइनस’ में, 5 सालों में सबसे कम पानी

डिजिटल डेस्क, नागपुर  । गत वर्ष कम बारिश का असर जिले के जलाशयों में दिखने लगा है। दिसंबर माह की स्थिति को देखते हुए आगामी दिनों में गंभीर जलसंकट के आसार दिखाई देने लगे हैं। 
नागपुर जिले का भू-जल स्तर पिछले 5 साल की तुलना में इस वर्ष -0.54 प्रतिशत होने की चौंकानेवाली जानकारी भू-जल सर्वेक्षण विभाग ने अपनी रिपोर्ट में दी है।  विभाग सितंबर माह में कुओं के भू-जल स्तर के आंकलन के बाद रिपोर्ट तैयार करता है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते पांच साल की तुलना में जिले की 13 तहसीलों में से अकेले भिवापुर को छोड़ दिया जाए (वह भी माइनस की सीमा रेखा के करीब 0.05 मीटर पर) तो शेष सारे 12 तहसीलों का भू-जल स्तर माइनस में पहुंच गया है। पारशिवनी के -1.01 मीटर से नीचे भू-जल स्तर के बाद -0.94 के साथ नागपुर तहसील का भू-जल स्तर सबसे कम है। 
111 निरीक्षण कुओं को बनाया अाधार
संभाग के छह जिलों की बात करें तो सबसे कम भू-जल स्तर गोंदिया जिले का मिला है, जहां -2.08 मीटर भू-जल स्तर पहुंच चुका है। इससे बहुत बेहतर स्थिति में चंद्रपुर जिला भी नहीं है। चंद्रपुर जिले का भू-जल स्तर -1.51 मीटर तक जा गिरा है। जिले में 111 निरीक्षण कुओं के आधार पर  भू-जल स्तर का पता लगाया गया है। 

स्थिति सुधारने के प्रयास जारी हैं : जलयुक्त शिवार की योजनाएं अपनाई जा रही हैं, ताकि भू-जल स्तर की स्थिति को सुधारा जा सके। वर्षों से इस भू-जल स्तर का दोहन बिना सोचे समझे किए गए हैं। उसे सुधारने के िलए कई पहल किए जा रहे हैं। रालेगण सिद्धी में किए गए प्रयोगों का भी अध्ययन किया जा रहा है। जलाशयों के जलस्तर को बढ़ाना भी  सरकार के एजेंडे में शामिल है।                                                              ( चंद्रशेखर बावनकुले, पालकमंत्री व ऊर्जा मंत्री, महाराष्ट्र सरकार)
दोहन रोकना जरूरी:  भू-जल स्तर का दोहन रोकने के िलए जरूरी है सरकारी विभागों में आपसी समन्वय स्थापित करते हुए खेती से लेकर घर-घर तक जल नियोजन के तरीके बताने का। बिजली विभाग को रात की बजाय दिन में किसानों को बिजली देनी चाहिए, ताकि अज्ञानतावश किसान खेत को पानी देने के िलए रात भर पंप शुरू कर न रखें।
                                                                                                 (अनिल वारेकर, विशेषज्ञ (कंसल्टेंट, पानी संस्था))
चिंताजनक हो सकता है- यह मामला इस बार भू-जल स्तर शुरुआत से ही कम है। आने वाले समय में यह चिंताजनक हो सकता है।                                               (मंगेश चौधरी, वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक, भू-जल सर्वेक्षण विभाग, संभाग नागपुर) 

संभाग-5 साल की तुलना में भू-जल स्तर (मीटर में)
नागपुर-(-0.54)
वर्धा-(-0.72)
भंडारा-(-0.34)
चंद्रपुर-(-1.51)
गडचिरोली-(-0.64)
गोंदिया-(-2.08)
 
जिला नागपुर (-0.54 मीटर)
उमरेड(-0.50 मी.), पारशिवनी(-1.01 मी.), मौदा(-0.81 मी.), रामटेक(-0.53 मी.), भिवापुर(0.05 मी.), सावनेर(-0.07 मी.), कुही(-0.09 मी.), नरखेड(-0.36 मी.), हिंगणा(-0.56 मी.), नागपुर(-0.94 मी.), कामठी(-0.86 मी.), काटोल(-0.60 मी.), कलमेश्वर(-0.64 मी.)
 
जिला चंद्रपुर (-1.51 मीटर) 
(एक मीटर से नीचे वाले तहसील)
चंद्रपुर(-1.76 मी.), बल्लारपुर (-3.63 मी.), गोंडपिंपरी(-1.56 मी.), सावली(-1.12 मी.), वरोरा(-1.97 मी.), भद्रावती(-4.05 मी.), ब्रह्मपुरी(-1.21 मी.), सिंदेवाही(-1.11), राजुरा(-1.68), कोरपना(-1.99)

गोंदिया (-2.08 मीटर) 
(एक मीटर से नीचेवाले तहसील)
आमगांव(-2.67 मी.), गोंदिया(-1.40 मी.), गोरेगांव (-5.17 मी.), सड़कअर्जुनी (-3.95 मी.), सालेकसा (-1.19 मी.), तिरोड़ा(-1.49 मी.)
 

Created On :   4 Dec 2017 12:50 PM IST

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