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इस साल प्यासा ही रहेगा नागपुर, पेंच नहीं देगा पानी!

डिजिटल डेस्क, रामटेक/नागपुर। जलापूर्ति को लेकर जारी विवाद को देख आने वाले दिनों में नागपुर शहर में जल संकट गहराने के आसार नजर आ रहे हैं। जलसंपत्ति नियामक प्राधिकरण ने पेंच प्रकल्प से मनपा को दिए जा रहे अतिरिक्त पानी के आरक्षण में कटौती करने के आदेश दिए हैं। इस मुद्दे को लेकर पूर्व विधायक एड. आशीष जयस्वाल महाराष्ट्र जलसंपत्ति नियामक आयोग पहुंचे थे।
- किसानों के हक का पानी छीना जा रहा
एड. जयस्वाल का कहना था कि पेंच प्रकल्प से नागपुर महानगरपालिका दोगुना अधिक पानी ले रही हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा। फिलहाल कम बारिश के कारण मध्यप्रदेश के चौरई प्रकल्प से लेकर तोतलाडोह और पेंच प्रकल्प तक प्रभावित हैं, ऐसे में किसानों के हक का पानी छीना जा रहा है।
- ऑडिट कर पानी लेने के आदेश
एड. जयस्वाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राधिकरण ने मनपा नागपुर के पानी आरक्षण पर कैंची चलाते हुए अतिरिक्त पानी लेने पर रोक लगा दिया है। इसके साथ ही प्राधिकरण के शर्तों के अनुसार, आॅडिट कर पानी लेने के आदेश दिए हैं। आयोग ने अपने आदेश में जिलाधिकारी, मनपा आयुक्त और पेंच प्रकल्प विभाग को पानी वितरण का एफिडेविट पेश करने, पानी उपयोग में कटौती कर अब प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 135 एमएलडी पानी लेने के आदेश दिए हैं। इससे अंदाजन 100 से 150 दलघमी अतिरिक्त पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध होने से किसानों को राहत मिलेगी।
- 25 को अंतिम निर्णय
पानी वितरण का बजट पेश कर मुख्य लेखापरीक्षक औरंगाबाद से लेखापरीक्षण करने का आदेश भी दिया गया। आगामी 25 अक्टूबर को अंतिम निर्णय होगा। पत्र-परिषद में पूर्व जिप सदस्य अशोक झाड़े, बालू टेंभरे, धनराज बावनकुले, धर्मराज झलके, राजेश डोमकाले, गौरव पनवेलकर, मंगेश पोटभरे सहित कई किसान उपस्थित थे।
- क्या है पूरा मामला
मनपा नागपुर द्वारा अतिरिक्त पानी लेकर किसानों का हक छीनने के मुद्दे पर ही एड. जयस्वाल ने गत 19 सितंबर को प्राधिकरण के समक्ष याचिका दायर की थी। 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई। इसके बाद 10 अक्टूबर को आदेश पारित किए गए। आगामी 15 अक्टूबर को प्रकल्प में उपलब्ध पानी के न्यायिक तरीके से वितरण निश्चित कर मनपा को 150 की जगह 135 लीटर पानी प्रति व्यक्ति, प्रति दिन शर्तों का पालन करने के आदेश भी जारी किए हैं। जिलाधिकारी, नागपुर मनपा आयुक्त और पेंच प्रकल्प विभाग के कार्यकारी अभियंता ने पानी वितरण नियमानुसार होने का एफिडेविट आगामी 23 अक्टूबर तक दाखिल करने आदेश भी दिए।
एड. आशीष जयस्वाल ने बताया कि गत कई वर्षों से इसके लिए मैं संघर्ष कर रहा हूं। यह निर्णय मेरे राजनीतिक जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय है। दरअसल, मनपा ने वर्ष 2006 से पानी का ऑडिट ही नहीं किया है। प्राधिकरण ने मनपा को आदेश दिए कि मनपा पहले भूगर्भ में उपलब्ध जलस्रोतों का उपयोग करे। फिर आवश्यकता पड़ने पर पेंच का पानी लें। इस मामले में मनपा द्वारा मनमानी तरीके से अतिरिक्त पानी लेने की भी पोल खुल जाएगी।
Created On :   12 Oct 2017 2:46 PM IST