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दैनिक भास्कर हिंदी: कम हुई नक्सलियों की दहशत, पहली बार नक्सल सप्ताह में भी खुले रहे साप्ताहिक बाजार

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। नक्सल सप्ताह के दौरान पहली बार जनता दहशतमुक्त नजर आ रही है। हर बार नक्सलग्रस्त कोरची तहसील नक्सली सप्ताह के दौरान बंद रहती है। पिछले 14 वर्षों से यहां यही सिलसिला चल रहा है, लेकिन इस वर्ष पुलिस विभाग द्वारा तहसील के नागरिकों में जागृति किए जाने पर नक्सली सप्ताह में कोरची का बाजार शुरू रहा। वहीं तहसील के ग्रामीण अंचल में बाजार खुले रखे गए। इस कारण इस तहसील में नक्सलियों की दहशत कम होने की बात कही जा रही है।
नक्सल सप्ताह के दूसरे दिन अहेरी तहसील के देचलीपेठा में ग्रामीणों ने नक्सलियों के प्रतीकात्मक पुतले फूंके। साथ ही नक्सल विरोधी रैली भी निकाली। भामरागड़ तहसील के कोठी गांव में नक्सली हमले में मारे गए व्यक्ति का स्मारक बनाकर उसे श्रद्धांजलि दी गई और नक्सल आंदोलन का जमकर विरोध भी किया।
बता दें कि गड़चिरोली जिला निर्माण के कुछ वर्षों बाद यहां नक्सलवाद पनपा। देखते ही देखते नक्सलवाद की जड़ें मजबूत होने से आज यह जिला नक्सलग्रस्त कहलाने लगा है। जिले में अब तक नक्सली लगभग 500 लोगों की हत्या कर चुके हैं। साथ ही सरकारी संपत्ति को हानि पहुंचाने समेत अनेक हिंसक वारदातों को अंजाम दिया गया है। अब नक्सलियों द्वारा 28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सल सप्ताह मनाने का आह्वान किए जाने से दुर्गम क्षेत्र का जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
उधर क्षेत्र के ग्रामीण नक्सली आंदोलन का विरोध भी करते दिखाई दे रहे हैं। सप्ताह के दूसरे दिन देचलीपेठा के ग्रामीणों ने नक्सलियों के प्रतीकात्मक पुतले तैयार कर जला दिए। गांव के साथ अन्य तहसीलों में भी नक्सल विरोधी रैली निकाली गई।
गौरतलब है कि, भामरागड़ तहसील के कोठी गांव निवासी सिंधु पेका लेकामी की नक्सलियों ने वर्ष 2000 में हत्या की थी। ग्रामीणों ने सिंधु लेकामी का स्मारक तैयार कर उसे श्रद्धांजलि दी। साथ ही नक्सल आंदोलन का विरोध किया। इसके अलावा जिले के अन्य क्षेत्रों में भी नक्सल आंदोलन का विरोध किया गया।
दुर्गम क्षेत्र के गांवों की हॉल्टिंग बसें बंद
नक्सल सप्ताह के मद्देनजर रापनि ने दुर्गम और अतिदुर्गम क्षेत्र के गांवों में जाने वाली हाल्टिंग बसें बंद कर दी हैं। इस संबंध में गड़चिरोली डिपो से मिली जानकारी के अनुसार डिपो ने कोई भी बस फेरी बंद नहीं की है। सिर्फ अतिसंवेदनशील गांवों तक सप्ताहभर बस नहीं जाएगी। वहीं दुर्गम क्षेत्र की हाल्टिंग बस सेवा बंद की गई है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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