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अतिरिक्त प्रभार के बोझ तले दबा है खुद वजनमाप विभाग
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमण के चलते नागरिकों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी कार्यालयों में ऑनलाइन प्रक्रिया से आवेदनों को लेने की हिदायत दी जा रही है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। ऐसे में उपराजधानी के वजनमाप विभाग में ऑनलाइन आवेदनों को संभालने के लिए कर्मचारियों की खासी कमी बनी हुई है। लंबे समय से नए पदों की भर्ती पर रोक और लगातार सेवानिवृत्ति होने से कर्मचारियों की कमी बन गई है। कर्मचारियों की कमी के चलते एक अधिकारी को दो स्थानों का पदभार देकर काम संभाला जा रहा है। ऐसे में अब जिले के अलावा पूरे विभाग में वजनमान की गड़बड़ी समेत ओवरप्राइजिंग के मामलों की जांच में खासी परेशानी हो रही है। नागपुर समेत वर्धा, गड़चिरोली, चंद्रपुर में भी खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिलों के छोटे दुकानदारों, जिनिंग इंडस्ट्रीज, पेट्रोल पंप समेत अन्य स्थानों के वजनमाप की जांच करने और नूतनीकरण के काम पर निगरानी रखना होता है।
नितीन जोशी, विभागीय नियंत्रक, वजनमाप विभाग के मुताबिक कोरोना संक्रमण के चलते वजनमाप की स्टैंपिंग के आवेदन समेत अन्य प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन स्वरूप में प्राप्त किया जा रहा है। दुकानों, पेट्रोल पंप समेत वजनमाप वाले सभी प्रतिष्ठानों की पूरी तरह से जांच की जा रही है। विशेष दल को औचक निरीक्षण के लिए तैनात भी किया गया है। कर्मचारियों की कमी के चलते किसी भी सूरत में काम को प्रभावित होने नहीं दिया गया है। वजनमाप से संबंधित शिकायत होने पर नागरिक टोल फ्री क्रमांक 9404951282 पर संपर्क किया जा सकता है
तीन माह में 144 मामले
वजनमाप नियमावली के तहत प्रत्येक वजन कांटे को साल में एक बार जांच कराने के बाद नूतनीकरण प्रमाणपत्र लेना होता है। इसके लिए विभाग ने रजिस्टर्ड दुरुस्ती करने वालों को नियुक्त कर रखा है। दुरुस्तीकर्ता वजन के अनुपात में गड़बड़ी समेत अन्य मुद्दों पर जांच करते हैं। इसके बाद नूतनीकरण प्रमाणपत्र के लिए विभाग को रिपोर्ट भेजते हैं। दुकानदारों को विभाग से निर्धारित शुल्क का भुगतान जांच और प्रमाणपत्र को पाने के लिए भुगतान करना होता है। कोरोना संक्रमण के दौरान विभागीय नियंत्रक ने नागपुर विभाग में विशेष जांच अभियान चलाया है। इस जांच अभियान में मिठाई एवं ड्रायफ्रूट के वजन में गड़बड़ी को लेकर 27 विक्रेताओं पर 144 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि कर्मचारियों की कमी के चलते नियमित जांच प्रक्रिया में बाधा हो रही है। दीपावली के दौरान उपहारों के रूप में ड्रायफ्रूट और मिठाइयों के डिब्बों के वजन में भी खासी गड़बड़ी हुई है। डिब्बों के साथ सामग्री का वजन जोड़कर सामान्य नागरिकों को चूना लगाया गया है, लेकिन औचक निरीक्षण की व्यवस्था नहीं होने से मामले पकड़ में नहीं आ पाए हैं।
आमदनी पर पड़ा असर
वजनमाप विभाग में अधिकारियों की कमी के चलते आमदनी पर भी खासा असर हो रहा है। पिछले सालभर में कोरोना संक्रमण के चलते मुश्किलें बढ़ी हंंै। साल 2019-20 में विभाग के दल को औचक निरीक्षण में 626 मामले मिले थे। इनमें कम वजन, वजनमाप में गड़बड़ी, ओवरप्राइजिंग के अलावा वजनमाप की स्टैंपिंग को लेकर लापरवाही का समावेश था। इन 626 मामलों में विभाग को दंड के रूप में 30 लाख की रकम मिली थी। वहीं साल 2020-21 में कोरोना संक्रमण के दौरान जांच एवं निरीक्षण में खासी परेशानी हुई है। विभाग को अब तक करीब 90 से अधिक स्थानों पर जांच में गड़बड़ी मिली है। इन मामलों को लेकर जांच प्रक्रिया अब भी चल रही है।
अतिरिक्त प्रभार से कामकाज प्रभावित
करीब 20 साल पहले निर्धारित पद संख्या के आधार पर वजनमाप विभाग का कामकाज संचालित हो रहा है। वजनमाप विभाग में करीब 48 अधिकारी और कर्मचारी के पद को मंजूरी दी गई है, लेकिन इनमें से केवल 36 ही कार्यरत हैं। लगातार अधिकारियों की सेवानिवृत्ति और नई पदभर्ती पर रोक के चलते दैनंदिनी कामों में खासी परेशानी हो रही है। नागपुर ग्रामीण और शहर के अलावा वर्धा जिले के लिए 5 निरीक्षक नियुक्त किए गए है, लेकिन इन निरीक्षकों पर भी अतिरिक्त प्रभार का बोझ डाला गया है। गोंदिया के निरीक्षक डी सी खुरसड़े के पास वर्धा जिले का प्रभार दिया गया है। उमरेड कार्यालय के निरीक्षक सु वा वाड़े को वरोरा की जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह से हिंगनघाट के निरीक्षक पी डी मेश्राम को नागभीड़ का पदभार दिया है। नागपुर कार्यालय में दो निरीक्षकों के पद की जिम्मेदारी पी के त्रिवेदी को दी गई है। अतिरिक्त कामकाज के दबाव के चलते अधिकारियों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर अतिरिक्त प्रभार के नाम पर अधिकारी अब आम नागरिकों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे है।
Created On :   30 Jan 2022 2:19 PM IST