क्या है False Flag Attack, जिसे खेलने का इल्जाम रूस पर लगा रहा है अमेरिका, क्या यूक्रेन के साथ काम आएगी ये तकनीक?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ हफ्तों से अमेरिकी अधिकारी कई बार आगाह कर चुके हैं कि रूस एक ऐसी रणनीति तैयार कर रहा है। जिसमें की वो पूरी दुनिया के सामने यह साबित कर सके कि उसकी सेना पर हमला हो सकता है और वह इसकी तस्वीरें दुनिया को दिखा सके। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के "फॉल्स फ्लैग" अभियान रूस को यूक्रेन पर हमला करने का बहाना दे सकता है।
"फॉल्स फ्लैग" क्या है?
False Flag Attack एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है जहां पर एक देश जानबूझकर अपने देश के लोगों की इंजान, संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है और दुनिया के सामने बताता है कि उसके दुश्मन देश ने ऐसा किया है। इसकी आड़ में देश अपने दुश्मन देश पर हमला कर देता है। लेकिन इस तरह के "फॉल्स फ्लैग" हमले अब नहीं किए जा सकते, क्योंकि सैटेलाइट से ली गई तस्वीरें और लाइव वीडियो तुरंत इंटरनेट पर साझा किए जाते हैं।
ऐसे में फॉल्स फ्लैग हमले की जिम्मेदारी से बचना एक मुश्किल काम है। "फॉल्स फ्लैग" हमला और इसमें शामिल आरोपी देशों का एक लंबा इतिहास रहा है। इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले समुद्री लुटेरों के लिए हुआ था । जिसे की समुद्री लुटेरों व्यापारी जहाजों को पर्याप्त रूप से नजदीक आने के लिए आकर्षित करते थे ताकि उन पर हमला किया जा सके।
फॉल्स फ्लैग से जुड़े कई मामले हैं। यह घटना 1939 जिसमें की जर्मनी के एजेंटों ने पोलैंड की सीमा के निकट एक जर्मन रेडियो स्टेशन से जर्मन-विरोधी संदेश भेजा।और साथ ही साथ उन्होंने कई नागरिकों की भी हत्या कर दी, जिन्हें उन्होंने पोलैंड पर जर्मनी के नियोजित हमले के लिए जिम्मेदार बताया था। उसी साल सोवियत संघ ने फिनलैंड की सीमा के पास से सोवियत क्षेत्र में गोले दागे और फिनलैंड को दोषी ठहराया।
Created On :   22 Feb 2022 3:10 PM IST