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जेल में बंदियों की क्या है स्थिति?- सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए मामले पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क जबलपुर । हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रदेश के जेलों में बंदियों की क्या स्थिति है? हाईकोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए रिफरेंस के आधार पर की जा रही है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मंगलवार को सुनवाई के बाद सरकार को यह भी बताने कहा है कि महिला बंदियों की स्थिति में कैसे सुधार लाया जा सकता है? अगली सुनवाई नवम्बर माह के अंतिम सप्ताह में होगी।
जेलों में हुई मौतों को चुनौती
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने विगत 15 सितंबर को बंदियों की जेलों में हुई मौतों को चुनौती देने वाले एक मामले पर फैसला सुनाया था। सुको के जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बैंच ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को कहा था कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच जेलों में बंदियों की हुई मौतों के मामले पर संज्ञान लेकर सुनवाई करे। यदि पीडि़त परिवारों को कम मुआवजा मिला है तो उन्हें उपयुक्त मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही सुको ने यह निर्देश भी दिए थे कि िकसी भी प्रकार की समस्या आने पर देश के सभी हाईकोर्ट उचित आदेश पारित कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए मामले पर हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 में संज्ञान लेकर जनहित याचिका दर्ज की। साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव, गृह सचिव, जेल विभाग के प्रमुख सचिव, महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव और डीजीपी जेल को मामले में पक्षकार बनाया। मंगलवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शासकीय
अधिवक्ता हिमान्शु मिश्रा हाजिर हुए। युगलपीठ ने मामले में अदालत मित्र के रूप में अधिवक्ता विक्रम सिंह की नियुक्ति करके सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
Created On :   23 Oct 2019 2:35 PM IST