लाखों के घाटे पर ठेका चलाने के पीछे फंडा क्या है - एक पैसा प्रति टन की दर से कोयला परिवहन

What is the reason behind the losses of millions in coal contract
लाखों के घाटे पर ठेका चलाने के पीछे फंडा क्या है - एक पैसा प्रति टन की दर से कोयला परिवहन
लाखों के घाटे पर ठेका चलाने के पीछे फंडा क्या है - एक पैसा प्रति टन की दर से कोयला परिवहन

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/परासिया। वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड के पेंचक्षेत्र की सेठिया ओपन कास्ट माइंस में मिट्टी-पत्थर हटाकर कोयला निकलने का पांच वर्षों के लिए काम कर रही शाहिद इंफ्रा ग्रुप ने कोयला लोडिंग का ठेका लिया है। यहां 16 लाख रुपए का ठेका गु्रप ने मात्र 1 पैसा प्रति टन की दर पर मात्र डेढ़ हजार रुपए में कड़ी व्यवसायिक स्पर्धा से हासिल किया है। विगत 9 माह से ठेकेदार बिना कोई पैनाल्टी लगे, उस कार्य का पूर्ण कर रहा है।
न्यूनतम दर पर ठेकेदार द्वारा किया जाने वाला कार्य कई तरह के सवाल खड़े किए हुए हैं। किसी भी ठेका में निर्धारित राशि से 10 फीसदी से अधिक पर टेंडर निरस्त करने और 15 फीसदी से कम होने पर मूल्यांकन सुरक्षा राशि जमा करवाई जाती है। इस ठेका में भी ठेकेदार को कार्य आदेश देने के दौरान वेकोलि ने मूल्यांकन सुरक्षा राशि जमा करवाया है। पेंचक्षेत्र की अन्य खदानों उड़धन ओसीएम में दो रुपए और शिवपुरी ओसीएम में एक रुपए दर में कोयला लोडिंग का ठेका दिया गया है। सेठिया कोयला लोडिंग मामले में हुई शिकायत पर विजीलेंस टीम, सीएमडी द्वारा गठित समिति और प्रधान मंत्री कार्यालय से जारी आदेश पर गठित टीम द्वारा जांच हो चुकी है।
ये है निविंदाओं में दरें
कांटे्रक्टर    दर    राशि    बिड रैंक      
शाहिद इंफ्रा ग्रुप    0.01    1,500         1
चंद्रा कोल प्रा.लि.    0.03    4,500          2
एसटीसी एंड जीकेटी    0.80    1,20,000         3
जुइंट वेनिटर फ्रंट
कंवलजीत सिंह खंडूजा    0.81    1,21,500          4
पंजाब ट्रांसपोर्ट कम्पनी    1.49    2,23,500          5
यह है स्थिति
वेकोलि ने गत 13 मार्च 17 को सेठिया ओसीएम में कोयला लोडिंग के लिए निविदा आमंत्रित की, जिस पर वेकोलि ने शाहिद इंफ्रा ग्रुप को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास किया। इंफ्रा गुुृप ने 16 अप्रेल 17 को अपनी स्थिति स्पष्ट कर कार्य करने में सक्षम बताया। जिसपर उसे 11 जुलाई 17 से एक वर्ष के लिए कार्यआदेश जारी हुए। अबतक इंफ्रा ग्रुप ने यहां से 75.26 क्यूबिक मीटर ओबी हटाया और 1.50 लाख टन कोयला निकाला है।
इन्होंने लिखा पत्र
जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अरूण कपूर ने उक्त मामले को उठाया है। उन्होंने प्रधान मंत्री, कोयला मंत्री, मुख्य मंत्री सहित कोल इंडिया के चेयरमेन और वेकोलि सीएमडी को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराया है। उनका कहना है कि लाखों रुपए का घाटा सहकर भी कोई ऐसा काम क्यों करेगा। यदि 1 पैसा प्रतिटन की दर पर कोयला लोडिंग कार्य किया जा सकता है तो पूरी कोल इंडिया और देश में लोडिंग का काम इसी इंफ्रा गु्रप को दे दिया जाए। उन्होंने आशंका जताई कि कोयला लोडिंग के दौरान ठेकेदार और प्रबंधन के अधिकारियों के बीच कोई गोलमाल होता है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
इन्होंने दिया जवाब
पेंचक्षेत्र के महाप्रबंधक सुहाष पांडया ने लिखित जबाव में अवगत कराया कि पांच ठेकेदारों की निविदा का मूल्यांकन कर न्यूनतम दर वाले ठेकेदार को कार्य आदेश दिया गया। इससे पहले यह भी जानने का प्रयास हुआ कि न्यूनतम दर पर कार्य कैसे और क्यों करेंगे। जबाव संतोषजनक मिला और अब तक कार्य अपनी गति से चल रहा है।

Created On :   30 March 2018 1:15 PM IST

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