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सफेद झूठ : फडणवीस सरकार के कार्यकाल में कोई मेगा भर्ती नहीं हुई
डिजिटल डेस्क नागपुर। 28 सितंबर 1953 को हुए नागपुर करार में महाराष्ट्र के तीनों विभागों को जनसंख्या के प्रमाण में सरकारी तथा सरकारी उपक्रमों में नौकरियां देने का प्रावधान किया गया था। अब तक की सरकारों ने करार का पालन नहीं किया। विविध आयोग गठित कर विदर्भ के अनुशेष की अनुशंसा की गई। राज्यपाल ने संज्ञान लेकर समय-समय पर सरकारों से विदर्भ का अनुशेष पूरा करने की सूचनाएं दी। महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग भी सरकारी नौकरियों में विदर्भ का प्रतिनिधित्व कम रहने की बात मान चुका है। विदर्भ के प्रतिनिधि फडणवीस सरकार में वित्त सुधीर मुनगंटीवार ने विधानमंडल के मानसून सत्र में 26.28 प्रतिशत विदर्भ के युवाओं को सरकारी नौकरी मिलने की सदन में जानकारी दी। महाविदर्भ जनजागरण के संयोजक नितीन रोंघे ने मुनगंटीवार पर सफेद झूठ बाेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में 72 हजार सरकारी पद रिक्त है। फडणवीस सरकार के कार्यकाल में राज्य में कोई मेगा भर्ती नहीं हुई। फिर विदर्भ के युवाओं को कहां नौकरी मिली है। नागपुर शीतसत्र के पहले ही दिन इसके सबूत पेश करने चाहिए। यदि सबूत पेश नहीं कर पाए तो उन्हें विधायक पद पर रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। रोंघे ने कहा कि विपक्ष में रहकर विदर्भ का झंडा लेकर अन्याय के पाठ पढ़ते रहे। सत्ता में आने के बाद विदर्भ के अनुशेष पर श्वेतपत्र जारी करने की बात कही। यदि अपनी बात पर अमल करते तो सच्चाई सामने आ जाती। पांच वर्ष सत्ता में रहने पर न श्वेतपत्र जारी किया, न विदर्भ का अनुशेष भरने के लिए कोई कदम उठाए गए। उल्टे सदन में विदर्भ के 26.28 प्रतिशत युवाओं को सरकारी नौकरी देने की झूठी जानकारी देकर विदर्भ के साथ खिलवाड़ किया है। रोंघे ने मुनगंटीवार से शीतसत्र के पहले ही दिन सबूतों के साथ अपनी बात सिद्ध करने अथवा विधायक पद से इस्तीफा देने की मांग की। पत्र परिषद में नरेंद्र पालांदूरकर, संदेश सिंगलकर, निखिल भुते, डॉ. शशांक भोयर उपस्थित थे।
Created On :   15 Dec 2019 6:39 PM IST