फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वालों की खैर नहीं

who got jobs with fake certificates,Such people will be acted upon
फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वालों की खैर नहीं
फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी करने वालों की खैर नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) में दिव्यांग का फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर नौकरी पाने वालों को निकालने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए सभी करीब 20 दिव्यांग कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं और अब उन्हें ऑनलाइन दिव्यांग सर्टिफिकेट देना होगा, जिससे उनके फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो जाएगा। पूर्व में ऑनलाइन सिस्टम न होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में फर्जी सर्टिफिकेट आसानी से बन जाते थे।

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गौरतलब  है कि पिछले साल खुलासा हुआ था कि मेयो में कुछ ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें दिव्यांग का फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाई थी और शुरुआत में दिव्यांग बनने की एक्टिंग की, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता वैसा ही वह अपने असली रूप में आ गए। जो कर्मचारी लकड़ी के सहारे चलता था वह बिना किसी सहारे के चलते लगा। जो कम सुनाई देने वाले दिव्यांग बनने का नाटक कर रहा था वह दूर से भी आवाज आने पर बिना कान की मशीन के सुनने लगा और इतना ही नहीं मोबाइल पर भी बात करने लगा। मजे की बात तो यह है कि यह सब मेयो प्रबंधन के सामने होता रहा। पिछले दिनों एक बार फिर मामले को लेकर हुई शिकायत के बाद मेयो प्रबंधन की नींद खुली और सबको ऑनलाइन सर्टिफिकेट जमा करने के लिए नोटिस थमा दिए।

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ऑनलाइन जमा करने होंगे सर्टिफिकेट

मेयो, इंजार्च डीन डॉ.अनुराधा श्रीखंडे का कहना है कि दिव्यांगों का फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने की शिकायत आई है। इस पर हम उनसे ऑनलाइन सर्टिफिकेट मांग की है, जिससे फर्जी सर्टिफिकेट लगाने वालों का खुलासा हो जाएगा।
 
ऐसे पकड़ में आएंगे

पूर्व में दिव्यांग सर्टिफिकेट डॉक्टर जांचकर उसके दिव्यांग का फीसदी तय करता था इससे ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टर ऐसा करते थे जबकि अब ऐसा नहीं है। अब दिव्यांग के सर्टिफिकेट के लिए मशीन से जांच कर बनाए जाते हैं और वही तय करती है कि कितनी फीसदी अपंगता है, इससे अब ऑनलाइन सर्टिफिकेट फर्जी नहीं बन सकते हैं।

Created On :   3 Nov 2017 11:33 AM IST

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