कटनी में ब्लड कंपोनेन्ट सेपरेटर यूनिट क्यों नहीं, हस्तक्षेप याचिका के रूप में होगी सुनवाई 

Why not blood component separator unit in Katni, hearing will be in the form of intervention petition
कटनी में ब्लड कंपोनेन्ट सेपरेटर यूनिट क्यों नहीं, हस्तक्षेप याचिका के रूप में होगी सुनवाई 
कटनी में ब्लड कंपोनेन्ट सेपरेटर यूनिट क्यों नहीं, हस्तक्षेप याचिका के रूप में होगी सुनवाई 

डिजिटल डेस्क जबलपुर ।  मप्र हाईकोर्ट में कटनी जिले में ब्लड कंपोनेन्ट सेपरेटर यूनिट (प्लाज्मा मशीन) लगाने के लिए दायर याचिका की सुनवाई हस्तक्षेप याचिका के रूप में की जाएगी। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि जनहित याचिका को हस्तक्षेप याचिका के रूप में परिवर्तित कर कोरोना के इलाज को लेकर विचाराधीन मुख्य याचिका के साथ लिंक किया जाए। याचिका की अगली सुनवाई 19 मई को नियत की गई है।यह जनहित याचिका कटनी एनएसयूआई के अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा (अंशु) और कटनी ब्लड डोनर वेलफेयर सोसायटी के लोकेश सचदेवा और श्रेहा रौनक खंडेलवाल की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया कि कटनी जिले की आबादी 10 लाख से अधिक होने के बावजूद कटनी के जिला अस्पताल में प्लाज्मा मशीन नहीं हैं। याचिका में कहा गया कि थैलेसीमिया, एनिमिया और ब्लड कैंसर के मरीजों को नियमित प्लाज्मा की जरूरत होती है। ब्लड कंपोनेन्ट सेपरेटर यूनिट नहीं होने से मरीजों के परिजनों को 100 किलोमीटर दूर जबलपुर आना पड़ता है। याचिका में कहा गया कि वर्तमान में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों को भी प्लाज्मा थैरेपी दी जा रही है। प्लाज्मा के लिए जबलपुर आने में दो दिनं का समय लगता है। इस मामले में कटनी के सीएमएचओ ने राज्य सरकार को 13 जनवरी 2021 को पत्र लिखकर ब्लड कंपोनेन्ट सेपरेटर यूनिट लगाने की माँग की थी। 
दूसरे शहर ले जाते समय गर्भवती महिलाओं की हो जाती है मौत 
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में कहा गया है कि कोविड-19 के इलाज में प्लाज्मा थैरेपी कारगर नहीं हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता योगेश सोनी ने तर्क दिया है कि गर्भवती महिलाओं को खून की कमी होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है। गर्भवती महिलाओं को प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए दूसरे शहर ले जाना पड़ता है, इस दौरान कई महिलाओं की मौत भी हो जाती है। इसके अलावा कटनी जिले में थैलेसीमिया, एनिमिया और ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए ब्लड कंपोनेन्ट सेपरेटर यूनिट बेहद जरूरी है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने इस जनहित याचिका की सुनवाई हस्तक्षेप याचिका के रूप में करने का निर्देश दिया है।
 

Created On :   19 May 2021 2:16 PM IST

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